गुना (मध्‍य प्रदेश) में भूमि पर स्‍थापित नियंत्रण को हटाने हेतु गए पुलिसकर्मियों ने किसान दंपति और उनके बच्‍चों के साथ की मारपीट !

  • किसान दंपति द्वारा विषप्राशन कर आत्‍महत्‍या का प्रयास

  • जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक का स्‍थानांतरण कर जांच के दिए गए आदेश

ऐसे अधिकारियों का केवल स्‍थानांतरण करना पर्याप्‍त नहीं है; क्‍योंकि ऐसे पुलिस अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी जहां जाएंगे, वहां पुनः किसी के साथ अन्‍याय करेंगे । अतः ऐसे अधिकारियों को निलंबित ही करना चाहिए !

गुना (मध्‍य प्रदेश) – यहां के कैंट क्षेत्र के एक किसान दंपति की नियंत्रणवाली भूमि को छुडाने हेतु गए पुलिसकर्मियों ने इस दंपति को, साथ ही उनके छोटे बच्‍चों के साथ अमानुषिक मारपीट की । इसके कारण इस दंपति ने कीटनाशक प्राशन कर आत्‍महत्‍या का प्रयास किया । १४ जुलाई को यह घटना होने का वीडियो प्रसारित हुआ । उसके पश्‍चात मध्‍य प्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुना के जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक का स्‍थानांतरण कर दिया और इस घटना की उच्‍चस्‍तरीय जांच के आदेश दिए ।

किसान दंपति की यह भूमि यहां के विज्ञान महाविद्यालय को दी गई है; इसलिए पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अधिकारी इस भूमि को अपने नियंत्रण में लेने हेतु वहां गए थे । तब इस दंपति ने अपने बच्‍चों सहित हाथ जोडकर पुलिस अधिकारियों से कहा कि यह भूमि गप्‍पू पारडी ने हमें काश्‍तकारी के लिए दी थी । हमने ऋण लेकर इस भूमि पर बोआई की है । फसल नष्‍ट हुई, तो हम कहीं के नहीं रहेंगे, यह अनुरोध किया; परंतु पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी बात न सुनकर उन्‍हें वहां से बलपूर्वक हटाने का प्रयास किया । इस समय पुलिसकर्मियों ने इस दंपति और उनके बच्‍चों के साथ मारपीट की । (इस प्रकरण में मूल चूक इस दंपति को किश्‍तकारी के लिए भूमि देनेवाले गप्‍पू पारडी नामक व्‍यक्‍ति की है, तो पुलिस प्रशासन को उसके विरुद्ध कार्यवाही करना आवश्‍यक था; परंतु वैसा न कर किश्‍तकारी करनेवाले किसान के विरुद्ध कार्यवाही करना अनुचित है । इसके अतिरिक्‍त किसानों को भी किश्‍तकारी के लिए कोई भूमि लेते समय ‘उसे देनेवाला व्‍यक्‍ति क्‍या वास्‍तव में उसका मालिक है ?’, इसकी जांच करनी चाहिए । इससे आगे जाकर कोई समस्‍या नहीं आएगी ! – संपादक)

क्‍या है यह प्रकरण ?

पूर्व पार्षद गप्‍पू पारडी और उसके परिवारजनों का इस भूमि पर विगत अनेक वर्ष से अवैध नियंत्रण है । पारडी परिवार ने राजकुमार अहिरवार नाम के किसान को यह भूमि किश्‍तवारी के लिए दी थी । किसान राजकुमार अहिरवार ने कहा, ‘‘हमने २ लाख रुपए का ऋण लेकर खेत में बोआई की है । उससे पहले भी हम पर २ लाख रुपए का ऋण है । इसलिए हमने पुलिस विभाग और प्रशासन से फसल आने के पश्‍चात इस भूमि को नियंत्रण में लेने का अनुरोध किया था ।’’