अन्वेषण तंत्रों की जांच अभी पूर्ण नहीं हुई है, तब ममता बनर्जी ऐसा निष्कर्ष किस आधार पर निकाल रही हैं ? इससे स्पष्ट होता है कि इस प्रकरण की जांच की दिशा कैसी होगी !
कोलकाता – बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दी है कि बंगाल स्थित हेमताबाद के विधायक देवेंद्रनाथ रे की मृत्यु आत्महत्या है तथा इस प्रकरण का अन्वेषण करने का दायित्व अपराध अन्वेषण विभाग को सौंपा गया है । उन्होंने इस संबंध में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र भी भेजा है तथा आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी अनुचित जानकारी फैला रही है ।
इस पत्र में ममता ने आगे कहा है कि ‘शवविच्छेदन का ब्यौरा तथा बंगाल की पुलिस द्वारा की गई प्राथमिक जांच के अनुसार रे की मृत्यु संदेहास्पद आत्महत्या है । रे की जेब में मिले हुए कागद पर दो व्यक्तियों के नाम हैं । वे व्यक्ति स्थानीय स्तर पर पैसे का लेन-देन करते हैं । इसलिए रे की आत्महत्या का कारण पैसे का लेन-देन हो सकता है । तथापि यह राजनीतिक हत्या नहीं है । भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने इस प्रकरण में अनुचित जानकारी प्रस्तुत की है । इसलिए आप स्वयं इस प्रकरण में ध्यान देकर विवरण तथा तथ्यों की जांच करें ।’
भाजपा ने लगाया था हत्या का आरोप
विधायक रे का शव उत्तर दिनाजपुर जनपद के बिंदल गांव में उनके घर के निकट एक बंद दुकान के बरामदे में छत पर लटकी हुई अवस्था में दिखाई दिया था । भाजपा ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की गई है । इसलिए प्रदेशाध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने हाल ही में राष्ट्रपति कोविंदजी से भेंट कर ममता बनर्जी सरकार को बरखास्त करने की मांग की थी । उसके पश्चात बनर्जी ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर खुलासा किया है । तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा के सांसद डेरेक ओब्रायन के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने राष्ट्रपति से भेंट कर उन्हें इस संबंध में जानकारी दी ।
भाजपा द्वारा राज्यभर में निदर्शन
विधायक रे की मृत्यु के निषेध में भाजपा द्वारा बंगाल में विविध स्थानों पर निदर्शन किए गए । राज्यभर में विविध पुलिस थानों के सामने दल के कार्यकर्ताआें ने आंदोलन कर केंद्रीय अपराध अन्वेषण विभाग द्वारा (‘सीबीआई’ द्वारा) प्रकरण की पूछताछ करने की मांग की है । ‘रे की मृत्यु को आत्महत्या दिखाकर ममता बनर्जी सरकार सत्य छिपाने का प्रयास कर रही है । यह सरकार पुलिसराज है’, भाजपा के नेता सायंतन बसु ने ऐसा आरोप लगाया है ।