तुर्किस्‍तान में स्‍थित डेढ सहस्र वर्ष प्राचीन चर्च का मस्‍जिद में रूपांतरण

  • तुर्किस्‍तान में जब से कट्टरतावादियों की सरकार सत्ता में आई है, तब से इस प्रकार की तालिबानी घटनाएं होने लगी हैं । किसी भी देश में जब कट्टरतावादी सरकार सत्ता में आती है, तब क्‍या होता है, इसे जानें !
  • भारत में इस्‍लामी आक्रांताआें ने सहस्रों मंदिरों को मस्‍जिदों में बदला है । स्‍वतंत्रता के पश्‍चात उनका पुनः मंदिरों में रूपांतरण करना चाहिए था; परंतु धर्मनिरपेक्षता के नाम पर यह नहीं हो सकता । हिन्‍दुआें को उनके मंदिर वापस मिलने हेतु अब हिन्‍दू राष्‍ट्र ही चाहिए !
हगिया सोफिया संग्रहालय

     इस्‍तंबूल (तुर्किस्‍तान) – यहां के हगिया सोफिया संग्रहालय का मस्‍जिद में रूपांतरण किया गया है । तुर्किस्‍तान के राष्‍ट्रपति रेसिप तय्‍यप एर्दोगन ने न्‍यायालय के आदेश के पश्‍चात इसकी आधिकारिक घोषणा की । डेढ वर्ष पूर्व यह संग्रहालय चर्च के रूप में बनाया गया था । आनेवाले २४ जुलाई से यहां नमाजपठन आरंभ किया जाएगा । राष्‍ट्रपति एर्दोगन ने कट्टरवतावादियों को संतुष्‍ट करने तथा कोरोना संकट से लोगों का ध्‍यान दूसरी ओर आकर्षित करने हेतु यह निर्णय लिया है, ऐसा बताया जा रहा है । इस संग्रहालय की इमारत ग्रीक स्‍थापत्‍यशैली में बनाई गई है तथा ‘यूनेस्‍को’ की वैश्‍विक धरोहर की सूची में अंतर्भूत है । इस संग्रहालय को देखने हेतु प्रतिवर्ष ३७ लाख पर्यटक यहां आते हैं । (रेगिस्‍तानी प्रदेश से उत्‍पन्‍न इस्‍लाम की स्‍वयं की कोई स्‍थापत्‍यशैली नहीं थी; इसलिए विश्‍व में इस्‍लामी स्‍थापत्‍यशैली की एक भी प्राचीन इमारत नहीं है । जो कुछ इमारतें इस्‍लाम के नाम पर थोपी जाती हैं, वे एक तो हिन्‍दू स्‍थापत्‍यशैली में बनीं अथवा स्‍थानीय स्‍थापत्‍यशैली में बनी हैं, इसे ध्‍यान में लेना होगा ! – संपादक)

इस इमारत का बाईजेंटाईन सम्राट द्वितीय जस्‍टिनियन के आदेश से वर्ष ५३७ में चर्च के रूप में निर्माण किया गया था । इसे विश्‍व के सबसे बडे चर्च के रूप में जाना जाता था । वर्ष १४५३ में उस्‍मानिया शासनकाल में इस चर्च का मस्‍जिद में रूपांतरण किया गया था । तत्‍पश्‍चात वर्ष १९३४ में उसका संग्रहालय में रूपांतरण किया गया और अब पुनः उसका मस्‍जिद में रूपांतरण किया जानेवाला है । ‘युनेस्‍को’ ने इस निर्णय पर दुख व्‍यक्‍त किया है ।