कोरोना के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था ठप्प पडने से धन वापस मिलने की संभावना अल्प
बीजिंग (चीन) – विश्वपर स्वयं का वर्चस्व स्थापित करने हेतु चीन ने विश्व के १५० देशों को अनुमानित १२० लाख करोड रुपए का ऋण दिया है; परंतु इस ऋण की वसूली होने की संभावना अल्प होने लगी है । कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था ठप्प हो जाने से यह स्थिति बनी है । इसपर अब चीन कुछ भी नहीं कर सकता; इसलिए वह इन देशों को ऋण चुकाने हेतु समयसीमा बढा रहा है । इससे अधिक वह कुछ नहीं कर सकता; इसलिए वह असहाय लग रहा है ।
१. चीन ने पाकिस्तान, श्रीलंका, मालदीव, साथ ही अफ्रीका उपमहाद्वीप के अनेक देशों को ऋण दिया है । पाकिस्तान ने चीन का ऋण चुकाने हेतु और १० वर्षों का समय मांगा है । पाकिस्तान के साथ चीन का सुरक्षाहित जुडे होने से भले ही उसकी आर्थिक हानि हो रही हो; परंतु तब भी वह उसे अस्वीकार नहीं कर सकता ।
२. स्वयं चीन ने ही ७७ देशों के ऋण चुकानेपर रोक लगा दी है । उनमें से ४० देश अकेले अफ्रीका उपमहाद्वीप में हैं । ये देश उसके पैसे चुका नहीं सकते, यह ज्ञात होने से विश्व में स्वयं को बडा दिखाने के लिए चीन ने स्वयं ही इन देशों को ‘इस समय आप ऋण न चुकाएं’, ऐसा कहते हुए छूट दी है ।