- अनेक हिन्दुओं की शिकायतों के उपरांत भी मस्जिदोंपर लगे अवैध भोंपुओं को हटाने का साहस न करनेवाला पुलिस प्रशासन धर्मांधों की शिकायतपर हिन्दुओं का मंदिर गिरा देते हैं, इसे ध्यान में रखें !
- तमिलनाडु का सत्ताधारी दल अण्णाद्रमुक सदैव ही हिन्दूविरोधी होने से उसके कार्यकाल में ऐसी घटना होना कोई आश्चर्य नहीं है !
- भारत का सरकारी तंत्र पाकिस्तानी शासनकर्ताओं की भांति कार्य कर धर्मांधों द्वारा किए जानेवाले अत्याचारों को सदैव ही संरक्षण देने का प्रयास करते हैं, इसे ध्यान में लेकर हिन्दुओं को हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु प्रयास करना आवश्यक है !
- हिन्दुओं के धार्मिक अधिकारों की रक्षा करने हेतु केंद्र सरकार को तमिलनाडू सरकार से इसका उत्तर मांगना चाहिए !
- ऐसी घटना यदि अल्पसंख्यकों के संदर्भ में होती, तो अभीतक देश में धर्मनिरपेक्षतावादी हुडदंग मचा देते !
तेनकासी (तमिलनाडु) – यहां के धर्मांधों द्वारा की गई शिकायत के पश्चात पुलिस प्रशासन एवं जिला प्रशासन ने यहां के कट्टप्पस्पाथी मादास्वामी मंदिर को गिरा दिया । इस मंदिर के कारण धर्मांध महिलाओं को मंदिर के पास स्नान करने में समस्या होने से धर्मांधों द्वारा इसकी शिकायत की गई थी । यहां के हिन्दुओं ने मंदिर गिराने का विरोध किया; परंतु उसकी अनदेखी करते हुए मंदिर गिरा दिया गया । (ऐसी शिकायतों के आधारपर यदि हिन्दुओं के मंदिर गिराए जाते हों, तो क्या इसे कानून का राज्य कहा जा सकता है ? – संपादक)
१. तेनकासी जनपद में हिन्दू नाडार समुदाय प्रमुखता से छोटे उद्योग और कृषि में कार्यरत हैं । वे पीढियों से समेनकुलम् गांव के कट्टप्पस्पाथी मादास्वामी मंदिर में पूजा एवं प्रार्थना करते हैं । इस क्षेत्र में धर्मांध बडी संख्या में रहते हैं । अतः धर्मांधों द्वारा बार-बार हिन्दुओंपर आक्रमण की घटनाएं होती हैं ।
२. हिन्दुओं का मंदिर गिराने के पुलिस प्रशासन के कृत्य के विरुद्ध सांबंकुलम् के गांव प्रमुख सुब्बैय्या नाडार के पुत्र श्री. पचाईमल ने जिलाधिकारी से शिकायत की है । नाडार समुदाय को ऐसा लगता है कि पुलिस प्रशासन एवं राजस्व अधिकारियों ने धर्मांधों को संतुष्ट रखने के लिए यह कार्यवाई की है ।
३. स्थानीय लोगों के मत के अनुसार ‘पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पी.एफ्.आई.), सोशल डेमॉक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एस्.डी.पी.आई.) और अन्य धर्मांध संगठनों के कुछ कट्टरतावादी हिन्दुओं तथा मुसलमानों में धार्मिक विवाद बढाने का प्रयास कर रहे हैं ।’
Police in Tenkasi, Tamil Nadu demolished newly constructed Temple on private land bcz Mslims, the majority in particular area didn't want it there
Sad state of secularism in India, Churches & Mosques can be made on govt land but they can't even tolerate Temple on private land pic.twitter.com/C11UKbKNd4
— Scar (@Ra_c7r) June 12, 2020
मुख्यमंत्री पलानीस्वामी द्वारा धर्मांधों का तुष्टीकरण और उच्चवर्णियों के प्रति भेदभाव
अगले वर्ष आनेवाले विधानसभा चुनाव के लिए महत्त्वपूर्ण मतोंपर दृष्टि रखकर मुख्यमंत्री पलानीस्वामी का प्रशासन अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण कर रहा है । उच्चवर्णियों को केंद्र सरकार की सहायता न मिले; इसके लिए मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को ‘उच्चवर्णियों में समाहित आर्थिकरूप से पिछडे लोगों को आय का प्रमाणपत्र न दें’ ऐसे निर्देश दिए हैं । प्रधान सचिव (राजस्व विभाग) ने एक आदेश के द्वारा ‘तहसीलदार उच्च जाति के आर्थिकरूप से पिछडे दुर्बल व्यक्तियों को ‘ऑनलाइन’ अथवा व्यक्तिगतरूप से आय अथवा संपत्ति का प्रमाणपत्र न दें’ ऐसे निर्देश भी दिए गए हैं । (यह तो संविधान का अनादर ही है । केंद्र सरकार को इस संदर्भ में राज्य सरकार से उत्तर मांगना चाहिए ! – संपादक)