Whitechapel Station Name : लंदन के एक रेलवे स्टेशन पर लगी बंगाली भाषा की पट्टी का ब्रिटिश सांसद ने किया विरोध

उद्योगपति एलन मस्क ने सांसद का समर्थन किया

वॉशिंगटन (अमेरिका) – ब्रिटेन की राजधानी लंदन के एक रेलवे स्टेशन के नाम की पट्टी बंगाली भाषा में भी लिखी गई है । इस पर लंदन के एक सांसद ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि ‘रेलवे स्टेशन के नाम की पट्टी केवल अंग्रेजी में होनी चाहिए ।’ अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क ने उनके इस बयान का समर्थन किया ।

१. यह प्रकरण लंदन के ‘व्हाइटचैपल’ रेलवे स्टेशन से जुड़ा है । ग्रेट यारमाउथ के सांसद रूपर्ट लोवे ने बंगाली भाषा की पट्टी पर आपत्ति जताई है । इसपर लोगों ने विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ ने अंग्रेजी का समर्थन किया, तो कुछ ने यह प्रश्न उठाया कि “जापान अथवा चीन के किसी शहर में जाने पर यात्रियों का क्या होगा ?” इस आधार पर दो भाषाओं में पट्टियां होने का समर्थन किया गया ।

२. व्हाइटचैपल स्टेशन पर वर्ष २०२२ में बंगाली भाषा की पट्टी लगाई गई थी । पूर्वी लंदन में बांग्लादेशी समुदाय के योगदान के सम्मान में यह पट्टी लगाई गई थी । टॉवर हैमलेट्स काउंसिल ने इस पट्टी को लगाने के लिए धनराशि प्रदान की थी । बताया जाता है कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी समुदाय निवास करता है । बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पहल का स्वागत किया था ।

संपादकीय भूमिका 

अगर अंग्रेजों को अंग्रेजी की चिंता है, तो भारत में कितने भारतीयों को भारतीय भाषाओं की चिंता है ? भारत के सभी रेलवे स्टेशनों पर अंग्रेजी में पट्टियां लिखी होती हैं । अंग्रेजों के देश छोड़ने के बाद भी कई शहरों और स्टेशनों के नाम अंग्रेजी में हैं । इसे देखकर यही कहा जा सकता है कि भारतीयों को अंग्रेजों से सीख लेनी चाहिए ।