सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘मतदाताओं से मतों की भीख मांगनी पडती है, यह उम्मीदवारों के लिए लज्जाजनक है ! चुनाव जीतने पर उन्होंने मतदाताओं के लिए कुछ किया होता, तो यह सब नहीं करना पडता।’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक