महिलाओं को डर है कि ट्रम्प प्रशासन गर्भपात के अधिकार छीन लेगा
वाशिंगटन (यूएसए) – २०२२ में अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने गर्भपात का अधिकार समाप्त कर दिया था । उस वक्त ट्रम्प ने इस फैसले का समर्थन किया था । डोनाल्ड ट्रम्प की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद महिलाओं को डर है कि उनके गर्भपात के अधिकार कड़े कर दिए जाएंगे । इसलिए ट्रम्प की जीत के बाद महिलाओं के बीच गर्भनिरोधक गोलियों की मांग बढ गई है । इसके अलावा आपातकालीन गर्भनिरोधक दवाओं की मांग भी तेजी से बढ रही है । ट्रम्प २० जनवरी २०२५ को राष्ट्रपति पद की बागडोर संभालने जा रहे हैं ।
१. अमरीकी अखबार ‘यू.एस.ए.’ टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, गर्भनिरोधक दवा निर्माता प्रतिष्ठान ने कहा है कि ५ से ७ नवम्बर के बीच आपातकालीन गर्भनिरोधक दवाओं की बिक्री में १००० फीसदी की बढोतरी हुई है । इस दौरान इन दवाओं को खरीदने वालों की संख्या में १६५ प्रतिशत की वृद्धि हुई है । इसके अलावा गर्भपात की दवाओं की बिक्री भी ६०० फीसदी तक बढ गई है ।
२. महिलाएं अमरीका के उन राज्यों में जाने पर विचार कर रही हैं जहां गर्भपात कानून आसान हैं । इसके तहत वे गर्भपात संबंधी सेवाओं तक आसानी से पहुंच सकती हैं । कई प्रतिष्ठान ऑनलाइन सेवाओं के माध्यम से महिलाओं को जन्म नियंत्रण गोलियों की होम डिलीवरी प्रदान कर रहे हैं ।
अमरीका में गर्भपात के अधिकार को लेकर ये है इतिहास !
१८८० तक अमरीका में गर्भपात वैध था। १८७३ में संयुक्त राज्य अमरीका में गर्भपात की दवाओं पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया था । १९०० तक लगभग सभी राज्यों में गर्भपात पर प्रतिबन्ध लगा दिया गया । यह नियम था कि गर्भपात केवल तभी किया जा सकता है जब गर्भावस्था से माँ की जान को खतरा हो । १९६० के दशक में महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया । १९६९ में नोर्मा मैककोर्वे ने गर्भपात कानून को चुनौती दी । मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा और १९७३ में सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त राज्य अमरीका में गर्भपात को वैध कर दिया । २४ जून ,२०२२ को अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया । इसके बाद महिलाओं को गर्भपात के लिए मिला संवैधानिक संरक्षण भी खत्म कर दिया गया । उस वक्त ट्रम्प ने इस फैसले का समर्थन किया था ।