धोती, सदरा पहनने ,तिलक लगाने एवं ‘हरे कृष्ण’ का जाप करने पर भी प्रतिबंध !
( इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है )
ढाका (बांग्लादेश) – शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में हिन्दुओं तथा उनके धार्मिक संस्थानों पर आघात बढ़ गए हैं । यह विशेष रूप से इस्कॉन मंदिरों तथा उसके अनुयायियों को निशाना बना रहा है। इस्कॉन के अनुयायियों का कहना है कि बांग्लादेश में उनकी धार्मिक मान्यताओं का पालन करना कठिन हो गया है। धोती एवं सदरा पहनना, भगवद गीता वितरण करना , तिलक लगाना और ‘हरे कृष्ण’ का जाप करना भी अब प्रतिबंधित कर दिया गया है।
Bangladesh bans the distribution of the Bhagavad Geeta by ISKCON.
Wearing a ‘Dhoti’ or ‘Sadara’, wearing a ‘Tilak’ and chanting ‘Hare Krishna’ is also banned.
ISKCON is an international organisation with a presence in many countries. Hence they should raise their objections… pic.twitter.com/GhuhFJdNI3
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) November 11, 2024
हमारा अपराध क्या है ?
इस्कॉन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बांग्लादेश का निर्माण उस समय हुआ था जब स्थिति अत्यधिक बुरी थी तब इस्कॉन ने वहां के लोगों की सहायता की थी। अब जिस तरह से हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं उसे देखकर उनके अनुयायी डरे हुए हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनका अपराध क्या है ?
इस्कॉन किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करता !
इस्कॉन के नागपुर मंदिर के पुजारी ने घटना पर दुख जताया और कहा कि यह धार्मिक असहिष्णुता एवं हिंसा का उदाहरण है । बांग्लादेश में अब राक्षसी वृत्ति के लोगों का बोलबाला है, जो निर्दोष लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस्कॉन किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करता है या किसी को अपनी धार्मिक पहचान बदलने के लिए बाध्य नहीं करता है।
संपादकीय भूमिका
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