Bhagavad Gita Banned In Bangladesh : इस्कॉन अनुयायियों पर बांग्लादेश में भगवद गीता बांटना प्रतिबंधित !

धोती, सदरा पहनने ,तिलक लगाने एवं ‘हरे कृष्ण’ का जाप करने पर भी प्रतिबंध !

( इस्कॉन का मतलब इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस है )

ढाका (बांग्लादेश) – शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से बांग्लादेश में हिन्दुओं तथा उनके धार्मिक संस्थानों पर आघात बढ़ गए हैं । यह विशेष रूप से इस्कॉन मंदिरों तथा उसके अनुयायियों को निशाना बना रहा है। इस्कॉन के अनुयायियों का कहना है कि बांग्लादेश में उनकी धार्मिक मान्यताओं का पालन करना कठिन हो गया है। धोती एवं सदरा पहनना, भगवद गीता वितरण करना , तिलक लगाना और ‘हरे कृष्ण’ का जाप करना भी अब प्रतिबंधित कर दिया गया है।

हमारा अपराध क्या है ?

इस्कॉन के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, बांग्लादेश का निर्माण उस समय हुआ था जब स्थिति अत्यधिक बुरी थी तब इस्कॉन ने वहां के लोगों की सहायता की थी। अब जिस तरह से हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं उसे देखकर उनके अनुयायी डरे हुए हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि उनका अपराध क्या है ?

इस्कॉन किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करता !

इस्कॉन के नागपुर मंदिर के पुजारी ने घटना पर दुख जताया और कहा कि यह धार्मिक असहिष्णुता एवं हिंसा का उदाहरण है । बांग्लादेश में अब राक्षसी वृत्ति के लोगों का बोलबाला है, जो निर्दोष लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस्कॉन किसी का धर्म परिवर्तन नहीं करता है या किसी को अपनी धार्मिक पहचान बदलने के लिए बाध्य नहीं करता है।

संपादकीय भूमिका

  • इस्कॉन’ एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है एवं इसकी गतिविधियाँ पूरे विश्व में फैली हुई हैं । उन्हें इसके विरुद्ध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठानी चाहिए । इसमें कोई संदेह नहीं कि उन्हें हिन्दुओं का भी समर्थन मिलेगा !
  •  इस्कॉन रमजान के समय मंदिरों में इफ्तार दावतों का आयोजन करता है ; लेकिन बदले में उन्हें क्या मिल रहा है ? उन्हें अब समझदार होने की आवश्यकता है । इससे सिर्फ उन्हें ही नहीं अपितु सभी हिन्दुओं को सीख लेनी चाहिए !