सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार
‘आग घर के निकट आने लगे, तो हम प्राण बचाने के प्रयास करने लगते हैं । अब तृतीय विश्वयुद्ध निकट ही है, इसमें जीवित रहने हेतु साधना करें !’
✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक