इन मस्जिदों से ‘इज़राइल का नाश करो’, ‘यहूदियों को मारो’ तथा’ अल्लाह के लिए युद्ध करो’ जैसे हिंसक संदेश दिए गए !
लंदन (ब्रिटेन) – ब्रिटेन में मुसलमानों द्वारा गैर-मुसलमानों के विरुद्ध घृणा भरे भाषणों के द्वारा फतवे जारी करने के आरोप में २४ मस्जिदों की जांच चल रही है। ये मस्जिदें लंदन, बर्मिंघम, लिवरपूल और मैनचेस्टर शहरों में हैं। इन मस्जिदों से दिए गए प्रवचनों में ‘इज़राइल का नाश करो’, ‘यहूदियों को मारो’ तथा ‘अल्लाह के लिए युद्ध करो’ जैसे हिंसक संदेश दिए गए थे। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन मस्जिदों को पाकिस्तानी मूल के लोग चला रहे हैं। जुलाई में लेबर पार्टी की सरकार बनने के बाद इस जांच के आदेश दिए गए थे।
१. इन मस्जिदों से आतंकी संगठन हमास एवं उसके आतंकवादियों का समर्थन करने का भी आरोप है। यदि इन प्रकरणों में दोष सिद्ध होता है, तो संबंधित लोगों को १४ वर्ष तक कारावास हो सकता है।
२. गाजा में इज़राइल के साथ युद्ध आरंभ होने के पश्चात से इन मस्जिदों से द्वेष फैलाने के अनेक आरोप लग रहे थे! इन मस्जिदों पर आरोप है कि उन्होंने इज़राइल एवं यहूदियों के विरुद्ध विद्वेष फैलाने वाले मौलवियों (इस्लामिक धार्मिक नेता) एवं धर्मोपदेशकों को आमंत्रित किया।
३. इस मामले की जांच कर रहे चैरिटी कमीशन की प्रमुख हेलेन स्टीफेंसन ने कहा कि हम इसकी जांच कर रहे हैं तथा यह विचार कर रहे हैं कि क्या नियमों का उल्लंघन करने वाली मस्जिदों की चैरिटी की स्थिति समाप्त की जानी चाहिए।
४. बर्मिंघम की मोहम्मदी मस्जिद के मौलवी अबू इब्राहिम हुसैन का यहूदियों के विरुद्ध द्वेष भरा भाषण सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था। उसने मस्जिद में नमाज पढ़ने आए लोगों से कहा था कि मेरे पीछे एक यहूदी है, उसे मार डालो।
५. लंदन की तौहीद मस्जिद के मौलवी शेख सुहैब हसन ने हमास के इज़राइल पर हमले का समर्थन किया था।
६. लिवरपूल की एक मस्जिद में एक मौलवी ने कहा कि अगर ३ अरब देश इज़राइल पर आक्रमण करें, तो वह क्षेत्र पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।
७. बर्मिंघम की ग्रीन लेन मस्जिद के मौलवी ज़काउल्लाह सलीम ने इजरायली सैनिकों की मृत्यु के लिए प्रार्थना की थी।
८. ब्रिटेन की मस्जिदों में दिए गए (नफरत) घृणा भरे प्रवचनों का एक संग्रह कई यहूदी कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा किया और इसे ब्रिटिश पुलिस को सौंपने के साथ-साथ सार्वजनिक भी किया है।
संपादकीय भूमिका
|