प्रधानमंत्री मोदी ने की युक्रेन में जेलेंस्की से भेंट
कीव (युक्रेन) – युद्ध की भीषणता को देखकर मन कांप उठता है । बच्चों के लिए युद्ध विनाशकारी है । युद्ध के संदर्भ में भारत कभी तटस्थ अथवा निष्पक्ष नहीं रहा है । हम सदैव शांति के पक्ष में रहे हैं । रूस के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमिर पुतिन से मिलने पर भी हमने यही बताया था । युद्ध करने से समस्या का समाधान नहीं होता । परस्पर संवाद और राजनीतिक चर्चा से प्रश्नों का समाधान मिलता है । दोनों पक्षों को एकदूसरे से बोलना आरंभ करना चाहिए । रूस-युक्रेन समय व्यर्थ करने की अपेक्षा चर्चा आरंभ करें । युक्रेन की राजधानी कीव में वोलोदिमीर जेलेंस्की से भेंट होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे कहा कि शांति के प्रयत्नों में भारत सक्रिय भूमिका निभाएगा । दोनों नेताओं में कीव के मारिन्स्की पैलेस में लगभग ३ घंटे द्विपक्षीय बैठक हुई । चर्चा में अधिकतर समय युक्रेन संकट पर चर्चा हुई । विशेष बात यह है कि प्रधानमंत्री मोदी की भेंट की ७ घंटों की कालवधि के लिए रूस तथा युक्रेन ने युद्ध रोक दिया था । मोदी ने आगे कहा कि आजका दिन भारत और युक्रेन के लिए ऐतिहासिक दिन है । भारत और युक्रेन में ४ समझौते हुए हैं । दोनों देशों ने मानवतावादी साहाय्य, कृषि, चिकित्सा और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सहयोग बढाने को मान्यता दी है ।
We also had discussions about the ongoing conflict. It is of topmost importance that peace be maintained. A peaceful solution to the conflict is best for humanity. pic.twitter.com/7nv7SjkvbQ
— Narendra Modi (@narendramodi) August 23, 2024
इसके पहले प्रधानमंत्री मोदी पोलैंड की राजधानी वारसा से १० घंटे की रेल यात्रा कर कीव पहुंचे । यहां पर भारतीय वंश के लोगों ने उनका स्वागत किया । इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्राध्यक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की से मिलें । दोनों ने एकदूसरे को गले लगाया ।
अतिथियों से गले मिलना भारत की संस्कृति ! – विदेश मंत्री डॉ. एस्. जयशंकर
‘रूस के राष्ट्राध्यक्ष पुतिन को गले लगाने पर क्या जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी पर टिपण्णी की थी ? इसपर भारत की भूमिका क्या है ?’ पत्रकार वार्ता में पत्रकारों ने डॉ. एस्. जयशंकर से ऐसा पूछने पर डॉ. जयशंकर ने कहा कि किसी को गले लगाना आप की संस्कृति में नहीं हो सकता; परंतु हमारी संस्कृति का यह एक भाग है । डॉ. जयशंकर ने आगे कहा कि भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने के संदर्भ में राष्ट्राध्यक्ष जेलेंस्की और प्रधानमंत्री मोदी में चर्चा हुई है । जेलेंस्की के सामने भारत ने अपनी भूमिका प्रस्तुत की और मार्केट की स्थिति को स्पष्ट किया । साथही संयुक्त राष्ट्रों के निर्णय के अंतर्गत किसी भी देश की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता बनाए रखने पर दोनों नेताओं में एकवाक्यता हुई ।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा से रूस-युक्रेन युद्ध समाप्त होने में सहायता मिलेगी ! – संयुक्त राष्ट्र
प्रधानमंत्री मोदी की युक्रेन भेंट से रूस और युक्रेन में हो रहा युद्ध समाप्त होगा, ऐसी आशा संयुक्त राष्ट्रों के महासचिव अँटोनियो गुटेरेस ने व्यक्त की है ।
युक्रेन को भेंट देनेवाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री !
युक्रेन को भेंट देनेवाले प्रधानमंत्री मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं । २४ फरवरी २०२२ को रूस ने युक्रेन पर आक्रमण किया, तब से ‘नाटो’ देशों के अतिरिक्त अन्य किसी भी देश के नेता ने युक्रेन को भेंट नहीं दी है । ‘नाटो’, ‘नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनायजेशन’ नामक विश्व के २९ देशों के सहयोग से बना एक सैनिकी संगठन है ।