सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

सामान्‍य घर से आकर ‘बॉलीवुड’में अपने बलबूते ‘अच्‍छा अभिनेता’ के रूप में अपनी छवि बनानेवाले सुशांत सिंह राजपूत, इस युवा अभिनेता ने वर्ष २०२० में आत्‍महत्‍या की और संपूर्ण देशभर में ‘नेपोटिजम’ अर्थात परिवारवाद (अपने प्रियजनों को आगे बढावा देना), घरानेेशाही, वंशवाद के संदर्भ में चर्चा आरंभ हो गई ।

सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

वर्तमान में किसी कार्यालय में यदि चपरासी की नौकरी चाहिए तो संबंधित प्रत्‍याशी (candidate, उम्‍मीदवार) की शैक्षणिक पात्रता देखी जाती है; परंतु राज्‍य का, इसके साथ ही देश का संपूर्ण कार्यभार, अर्थव्‍यवहार एवं संरक्षणव्‍यवस्‍था देखनेवाले विधायक, सांसद, मंत्री, इतना ही नहीं; परंतु प्रधानपद समान सर्वोच्‍च पद पर जाने के लिए भी किसी भी शैक्षणिक पात्रता की आवश्‍यकता नहीं होती ।

सदोष लोकतंत्र एवं उस संदर्भ में कुछ भी न करनेवाले निद्रित मतदार !

प्रत्‍येक राजकीय पक्ष चुनाव के काल में ‘हमें चुनाव में विजयी बनाएं, हम ही राज्‍य को भ्रष्‍टाचारमुक्‍त सरकार देंगे’, ऐसा प्रचार करता है; परंतु प्रत्‍यक्ष में वे मतदारों को मद्य (दारू), पैसे आदि प्रलोभन दिखाकर अपने पक्ष में मतदान दिलवाते हैं ।