जोधपुर (राजस्थान) के सनातन की संत पू. सुशीला मोदीजी के पति श्री. बंकटलाल मोदी का निधन
जोधपुर (राजस्थान) के सनातन के साधक बंकटलाल मोदी (आयु ७५ वर्ष) का बिमारी के कारण २२ जुलाई को निधन हुआ ।
जोधपुर (राजस्थान) के सनातन के साधक बंकटलाल मोदी (आयु ७५ वर्ष) का बिमारी के कारण २२ जुलाई को निधन हुआ ।
सभी साधक, पाठक, शुभचिंतक, धर्मप्रेमी, हिन्दुत्वनिष्ठ इत्यादि इस सुविधा का अवश्य उपयोग करें, ऐसी विनती ।
जनवरी एवं फरवरी २०२१ की अवधि में देहली नगर में ‘सीएए’ कानून के विरुद्ध मुसलमानों ने दंगा भडकाया । यह दंगा तो एक योजनाबद्ध षड्यंत्र था ।
मूलतः वसई जिला रायगड के प्रख्यात वैद्य तथा सनातन के ३५ वें संत आयुर्वेद प्रवीण पू. वैद्य विनय नीळकंठ भावेजी (आयु ६९ वर्ष) ने २५ जून को रात १० बजे रत्नागिरी में देहत्याग किया । वे पिछले कुछ दिनों से बीमार थे ।
अपेक्षा करना’ अहं का लक्षण है । अपेक्षापूर्ति होने पर तात्कालिक सुख मिलता है; परंतु इससे अहं का पोषण होता है और यदि अपेक्षा के अनुरूप नहीं होता तो दुःख होता है, अर्थात दोनों ही प्रसंगों में साधना की दृष्टि से हानि ही होती है ।’
अनेक शुभचिंतक समय-समय पर सनातन के राष्ट्र और धर्म कार्य हेतु धन अथवा वस्तु अर्पण करते हैं । यह अर्पण उचित स्थान पर पहुंचाना प्रत्येक साधक का कर्तव्य है; परंतु ऐसा देखने में आया कि एक स्थान पर अर्पण का अपव्यय हुआ है ।
सनातन के आश्रम में रहनेवाली ६४ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त साधिका श्रीमती चंद्ररेखा नटवरलाल जाखोटिया (उपाख्य जीजी) (आयु ६१ वर्ष) का दीर्घकालीन अस्वस्थता से १६ जून २०२१ को सवेरे ११.५५ पर निधन हुआ ।
संत भक्तराज महाराजको छायाचित्रात्मक श्रद्धांजलि किसी संतका चरित्र पढनेपर उस संत तथा उनके आश्रमके दर्शन करनेकी इच्छा होती है । अबतक हुए ऋषि-मुनि, संत ज्ञानेश्वर, संत तुलसीदास आदि संतोंके छायाचित्र उपलब्ध नहीं हैं । हमारा परम भाग्य है कि संत भक्तराज महाराजजीके छायाचित्र उपलब्ध हैं । इन ग्रंथोंके छायाचित्रोंमें महाराजजीकी विविध भाव-अवस्थाओंके दर्शन होते हैं … Read more
पिछले अनेक वर्षाें से सनातन संस्था बता रही है कि आपातकाल अब देहरी (देहलीज) तक पहुंच गया है और वह कभी भी भीतर प्रवेश कर सकता है । पिछले पूरे वर्ष से चल रहा कोरोना महामारी का संकट आपातकाल की ही एक छोटी-सी झलक है ।
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की कृपा से सभी साधकों को वर्तमान घोर आपातकाल में भी साधना कर जीवनमुक्त होने का अमूल्य अवसर प्राप्त हुआ है ।