साधकों के लिए सूचना एवं पाठक व शुभचिंतकों से विनती
‘अनेक शुभचिंतक समय-समय पर सनातन के राष्ट्र और धर्म कार्य हेतु धन अथवा वस्तु अर्पण करते हैं । यह अर्पण उचित स्थान पर पहुंचाना प्रत्येक साधक का कर्तव्य है; परंतु ऐसा देखने में आया कि एक स्थान पर अर्पण का अपव्यय हुआ है । सनातन से हाल ही में जुडे एक कार्यकर्ता को एक धर्मप्रेमी ने संस्था के लिए धन के रूप में अर्पण दिया था; परंतु इस कार्यकर्ता ने यह अर्पण सनातन के उत्तरदायी साधक के पास जमा न कर अपने लिए खर्च किया, साथ ही धर्मप्रेमी को रसीद भी नहीं दी । जब इस कार्यकर्ता को दिए अर्पण के विषय में संबंधित धर्मप्रेमी ने सनातन के उत्तरदायी साधक को सूचित किया, तब यह गंभीर घटना समझ में आई । तदुपरांत संस्था ने संबंधित कार्यकर्ता से राशि वसूल की तथा धर्मप्रेमी को भी अर्पण की रसीद दी । इस प्रकार का अनुभव आपको भी हुआ हो अथवा आपकी जानकारी में यदि कोई सनातन संस्था के नाम से राष्ट्र और धर्म कार्य हेतु प्राप्त धन का अपव्यय कर, अर्पणदाता के साथ विश्वासघात कर रहा हो, तो तत्काल संस्था के उत्तरदायी साधकों को सूचित करें, यह विनती !’ – श्री. वीरेंद्र मराठे, प्रबंधकीय न्यासी, सनातन संस्था. (२६.६.२०२१)