मानव की प्रगति किसे कहते हैं यह भी ज्ञात न रहनेवाला विज्ञान !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

पश्चिमी विज्ञान कहता है, ‘आदिमानव से अभी तक मानव ने प्रगति की है ।’ वास्तव में मानव ने प्रगति नहीं की है, अपितु वह उच्चतम अधोगति की ओर जा रहा है । सत्ययुग का मानव ईश्वर से एकरूप था । त्रेता और द्वापर युग में उसकी थोडी अधोगति होती गई । अब कलियुग के आरंभ में ही उसकी उच्चतम अधोगति हो गई है । कलियुग के शेष लगभग ४ लाख २६ सहस्र वर्षों में उसकी कितनी अधोगति होगी, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती !’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक