राजनाथ सिंह के पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारने वाले वक्तव्य का प्रकरण
इस्लामाबाद (पाकिस्तान) – भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ६ अप्रैल को कहा कि भारत पाकिस्तान में आतंकवादियों को ढूंढ-ढूंढ कर मार डालेगा । पाकिस्तानी मीडिया में उनके इस बयान की चर्चा हो रही है । पाकिस्तानी विशेषज्ञ साजिद तरार ने इस संबंध में महत्वपूर्ण वक्तव्य दिया है । उन्होंने कहा कि घुसपैठ करने तथा आतंकियों की हत्या से भारत को हानि होगी । पाकिस्तान को कुछ नहीं होगा । पाकिस्तान के पास ऐसा क्या है जिसे आप (भारत) नष्ट कर देंगे ? भारत सुरक्षा परिषद की सदस्यता चाहता है, इसलिए इस प्रकार के कृत्यों से आपको ही हानि पहुंचेगी।
It’s India’s loss to enter Pakistan and kill terrorists. – Pakistan’s Foreign Affairs Expert, in response to Rajnath Singh’s statement about entering #Pakistan and killing #terrorists.
DETAILS:
India’s Defense Minister’s statement on April 6 made a lot of rounds in Pakistani… pic.twitter.com/CJcwbiD8qx— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) April 7, 2024
साजिद तरार ने आगे कहा,
१. विश्व पाकिस्तान से संबंध नहीं चाहता !
भारत ने कश्मीर के विकास का पूरा ठेका संयुक्त अरब अमीरात को दे दिया है । पाकिस्तान संयुक्त अरब अमीरात से पैसा मांगता है । अब प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ सऊदी अरब चले गए हैं, लेकिन विश्व को हमसे संबंध नहीं रखने हैं ।’
२. सऊदी अरब भारत को एक उभरती शक्ति के रूप में देखता है !
परंपरा है कि पाकिस्तान में प्रधानमंत्री अथवा सेना प्रमुख का पद संभालने के उपरांत उनकी पहली यात्रा सऊदी अरब की होती है । लेकिन अब समय बदल गया है । सऊदी अरब के अब पाकिस्तान की तुलना में भारत के साथ अच्छे संबंध हैं; क्योंकि वह भारत को एक उभरती हुई शक्ति के रूप में देखते हैं ।
३. अंतरराष्ट्रीय विवादों में न फंसने से है चीन की प्रगति !
हालाँकि चुनाव का समय होने के कारण भारत ने ऐसा बयान दिया है, लेकिन इससे भारत को ही हानि होगी । ऐसा इसलिए है क्योंकि ‘टेस्ला’ जैसे प्रतिष्ठान भारत में आ रहे हैं । विश्व वहां निवेश कर रहा है । ऐसे में इस प्रकार के बयानों से भारत को हानि होगी । यदि संघर्ष हुआ तो लोग निवेश किया हुआ पैसा वापस ले लेंगे । भारत के पड़ोसी चीन की ओर बढ़ रहे हैं तथा पश्चिम देश उससे दूर जा रहे हैं । आपका (भारत का) खरा शत्रु चीन है । चीन ने केवल इसलिए प्रगति की है क्योंकि वह अंतरराष्ट्रीय विवादों में नहीं पड़ता ।