१ लाख तक भारतीय श्रमिकों की भर्ती करने का लक्ष्य !
तेल अवीव (इजरायल) – गाजा में चालू हिंसा की पृष्ठभूमि पर इजरायल द्वारा भारत से अब तक अनुमान से २० सहस्र श्रमिकों की भर्ती की गई है । फिलिस्तीनी श्रमिकों के संकट को देखकर इजरायल ने यह कदम उठाया है । उसी समय विशेषज्ञों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इजरायल में काम की परिस्थिति अत्यंत विकट है एवं यूरोप की अपेक्षा इजरायल में निर्माण कार्य के अधिक श्रमिकों की मृत्यु हुई है ।
वार्षिक १६ लाख ४७ सहस्र रुपए का वेतन (पगार) !
इजरायल में उत्तर प्रदेश एवं बिहार राज्यों से प्रत्येक के १० सहस्र श्रमिकों की भर्ती की गई है । इसमें मुख्यतः थवई (मिस्त्री) एवं वेल्डर समाहित हैं । इन श्रमिकों को प्रतिवर्ष १६ लाख ४७ सहस्र रुपए का वेतन दिया जाएगा । इजरायल ने भर्ती का प्रथम चरण पूर्ण किया है तथा भारत से ५० सहस्र से १ लाख श्रमिकों की भर्ती करने का उसका लक्ष्य है ।
📌 Around 20 thousand Indian workers recruited in #Israel so far
📌 Target to recruit up to 1 lakh Indian workers with an annual salary of 16 lakh 47 thousand rupees
👉 Despite the threat of death, Indian workers flock to get employment in Israel#IsraelHamasWar #MakeInIndia pic.twitter.com/zsEqAYnf3y
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 20, 2024
मृत्यु का संकट होते हुए भी भारतीय श्रमिकों की भर्ती के लिए भीड !
कुछ दिन पूर्व ही श्रमिकों के अधिकारों के लिए काम करनेवाली एक संस्था ने यह सामने लाया है कि इजरायल में प्रति १ लाख निर्माण कार्य के स्थान पर मौत होनेवाले श्रमिकों की संख्या यूरोप की अपेक्षा २.५ गुनी अधिक है । भारतीय श्रमिकों को प्रति माह अनुमान से १ लाख ३२ सहस्र रुपए मिलेंगे । भारत में उन्हें एक ही काम के लिए मिल रहे कुल वेतन से यह ६ गुना अधिक है । इसलिए मृत्यु का संकट होते हुए भी भारतीय इजरायल जाने में अग्रसर हो रहे हैं एवं भर्ती प्रक्रिया में बहुत भीड हो रही है ।
भारत सरकार की सहायता
‘इजरायल बिल्डर्स एसोसिएशन’ के उपाध्यक्ष हैम फीग्लिन के मत में, भारत सरकार द्वारा भर्ती प्रक्रिया में इजरायल को सहायता मिल रही है । इजरायल द्वारा अधिकांश भर्ती में सुतार एवं मिस्त्री का समावेश था । ये सभी भारतीय फिलिस्तीनी श्रमिकों का स्थान लेंगे, जिनको हमास के आक्रमणों के उपरांत इजरायल में प्रतिबंधित किया गया है ।