वैज्ञानिकों के शोधकार्य तथा ऋषि मुनियों के ज्ञान में अंतर !

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार

सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी

‘कोई ऊपरी भौतिक शोध करने हेतु वैज्ञानिकों को अनेक वर्ष शोधकार्य करना पडता है । आगे अन्य वैज्ञानिक उसमें परिवर्तन भी करते हैं । इसके विपरीत ऋषि-मुनियों को सूक्ष्म से मिलनेवाले ज्ञान के कारण बिना शोधकार्य किए, एक क्षण में सूक्ष्मातिसूक्ष्म सभी प्रश्नों के उत्तर प्राप्त होते हैं तथा वह अंतिम सत्य होने के कारण कोई उसमें परिवर्तन नहीं कर सकता ।’

✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक