सनातन प्रभात > Post Type > सुविचार > विज्ञान की निरर्थकता ! विज्ञान की निरर्थकता ! 28 Jan 2024 | 11:30 AM Share this on :TwitterFacebookWhatsapp सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचार सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी मानव को मानवता न सिखानेवाले; उलटे विध्वंसक अस्त्र, शस्त्र देनेवाले विज्ञान का मूल्य शून्य है ! ✍️ – सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवले, संस्थापक संपादक, ʻसनातन प्रभातʼ नियतकालिक Share this on :TwitterFacebookWhatsapp नूतन लेख पुलिसकर्मी यह ध्यान रखें !मंत्रोच्चारण, अग्निहोत्र, यज्ञ एवं साधना के द्वारा ही पर्यावरण का वास्तविक संतुलन बनाया रखा जा सकता है ! – शॉन क्लार्कपरम पावन स्वामी गोविंददेव गिरि का गोवा के सनातन आश्रम में भावपूर्ण स्वागत !सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के ओजस्वी विचारश्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ‘गुरुदेवजी का मनोरथ जानकर’ तथा इस चरण से भी आगे जाकर ‘सप्तर्षि तथा ईश्वर के मनोरथ’ को समझकर दैवी कार्य कर रही हैं !श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी तो देवीतत्त्व की अनुभूति देनेवालीं तथा ईश्वर की चैतन्यशक्ति के रूप में पृथ्वी पर अवतरित कमलपुष्प ही हैं !