निशुल्‍क योजनाएं सशर्त होनी चाहिएं ! – नारायण मूर्ति

इंफोसिस के संस्‍थापक नारायण मूर्ति (बाएं)

बेंगळुरू (कर्नाटक) – मैं निशुल्‍क सेवाओं के विरुद्ध नहीं हूं; लेकिन जो निशुल्‍क सेवाएं तथा सरकारी अनुदान प्राप्‍त कर रहे हैं, उन्‍हें बदले में समाज के कल्‍याण में योगदान देना चाहिए । निःशुल्‍क योजनाएँ सशर्त होनी चाहिए । इंफोसिस के संस्‍थापक नारायण मूर्ति ने एक साक्षात्‍कार में कहा कि सरकार को लोगों को बताना चाहिए कि ये सेवाएं तभी उपलब्‍ध होंगी जब प्राथमिक तथा माध्‍यमिक विद्यालयों में उपस्‍थिति २०  प्रतिशत बढ़ जाएगी । कुछ दिन पहले मूर्ति ने भारतीय युवाओं को सप्‍ताह में ७०  घंटे कार्य करने का सुझाव दिया था ।

(सौजन्य: moneycontrol) 

चीन से आगे जाने के लिए तेजी से निर्णय लेते हुए ३  चरणों में काम करना चाहिए !

नारायण मूर्ति ने आगे कहा कि भारत की अर्थव्‍यवस्‍था ३.५  ट्रिलियन डॉलर की है, जबकि चीन 19 ट्रिलियन डॉलर से आगे है । एक समय वहां भी हमारे समान ही समस्‍याएं थीं; परंतु चीन ने उनका समाधान ढूंढ लिया तथा हमसे आगे निकल गया । हम अभी भी चीन की बराबरी कर सकते हैं तथा उससे आगे जा सकते हैं; परंतु उसके लिए हमें तुरंत निर्णय लेने होंगे । बुनियादी सुविधाओं की परियोजनाओं को सरकार द्वारा प्राथमिकता दी जानी चाहिए तथा उसके लिए उद्योग के लोगों को ३  शिफ्‍ट में काम करना चाहिए ।

बच्‍चों को अंग्रेजी माध्‍यम के विद्यालयो में पढ़ाएं !

मूर्ति ने कहा कि लोग अपने बच्‍चों को कन्‍नड़ माध्‍यम के विद्यालयों में नहीं भेजते हैं । उनके बच्‍चे सदा अंग्रेजी माध्‍यम के विद्यालयों में पढ़ते हैं । इसलिए अंग्रेजी माध्‍यम के विद्यालयों को खोलने तथा चलाने की प्रक्रिया को सरल तथा निःशुल्‍क बनाने की आवश्‍यकता है । (अभी तक देखा गया है कि मातृभाषा के माध्‍यम से शिक्षा अधिक उपयुक्‍त है । भारतीयों को भौतिक प्रगति करते हुए अपनी संस्‍कृति, परंपरा तथा पहचान को बचाए रखने की आवश्‍यकता है ! – संपादक)