युनाइटेड किंगडम में ‘द केरल स्टोरी’का प्रदर्शन रहित !

लंडन (युनाइटेड किंगडम) – ‘द केरल स्टोरी’ चलचित्र द्वारा प्रदर्शित किया गया सत्य कथित भारत के धर्मनिरपेक्षतावादी राजकीय पक्ष एवं संगठन गले से नीचे नहीं उतार पा रहे और अब युनाइटेड किंगडम में भी बिना कोई वस्तुनिष्ठ कारण दिए उसका प्रदर्शन निरस्त कर दिया है । ‘ब्रिटिश बोर्ड ऑफ फिल्म क्लासिफिकेशन’ (बी.बी.एफ्.सी.) ने चलचित्र के प्रदर्शन का प्रमाणपत्र अब तक दिया नहीं है । चलचित्र १२ मई को ब्रिटेन के ३१ सिनेमागृहों में हिन्दी एवं तमिल भाषाओं में प्रदर्शित होनेवाला था; परंतु चलचित्र के सभी जालस्थलों पर टिकट बिक्री पर बंदी लगा दी गई है और शो रहित कर दिए हैं ।

१. इस पर बोर्ड ने कहा है कि, ‘द केरल स्टोरी’को अब भी प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया शुरू है । ‘एज रेटिंग सर्टिफिकेट’ (दर्शक की आयु संदर्भ में प्रमाणपत्र) मिलते ही युनाइटेड किंगडम में चलचित्र प्रदर्शित करना आरंभ किया जाएगा ।

२. इस संदर्भ में चलचित्र के वितरक एवं ‘ट्वेंटी फोर सेवन फ्लिक्स फॉर यू’ आस्थापन के दिग्दर्शक सुरेश वरसानी ने कहा कि यह अत्यंत चिंता का विषय है । मैंने इस चलचित्र के हिन्दी, तमिल एवं एवं मल्यालम की आवृत्तियां बोर्ड को १० मई को ही दे दी थीं । ‘एज सर्टिफिकेशन’के प्रमाणपत्र की प्रक्रिया उसी दिन होनी चाहिए थी; परंतु बोर्ड से जब इसका कारण पूछा तो उसके पास कोई वैध कारण नहीं था । इस ढिलाई से हमें ५० लाख रुपयों की हानि हुई है ।

३. युनाइटेड किंगडम में ४५ सहस्र हिन्दू एवं जैन समाज का प्रतिनिधित्व करनेवाले ‘हिन्दू कम्युनिटी ऑर्गनायजेशन’ने बोर्ड को लिखितस्वरूप में निवेदन दिया है और शीघ्र ही इस प्रकरण की छानबीन करने की विनती की है ।

४. अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया, कैनडा एवं आयर्लेैंड में चलचित्र प्रदर्शित होना आरंभ हो गया है ।

संपादकीय भूमिका

  • इस निर्णय के पीछे का कारण वस्तुनिष्ठ नहीं, ‘ब्रिटिश बोर्ड ऑफ फिल्म क्लासिफिकेशन’पर ऐसा आरोप !
  • आरोप में तथ्य है तो इसके पीछे ‘अदृश्य हाथ’ किसके हैं, इसकी छानबीन करना आवश्यक है । इसके साथ ही विश्वभर के हिन्दुओं को इस निर्णय के विरोध में आवाज उठाकर ब्रिटन सरकार को चलचित्र प्रदर्शन करने के लिए बाध्य करना चाहिए !