संयुक्त राष्ट्रों ने किया था विरोध !
सिंगापुर – गांजा इस नशीले पदार्थ की तस्करी करने के प्रकरण में दोषी पाए गए भारतीय वंश के एक व्यक्ति को २६ अप्रैल के दिन फांसी दी गई । इस व्यक्ति का नाम तंगराजू सुपैया है और वह सिंगापुर का नागरिक था । ‘राइटर्स’ के अनुसार ४६ वर्षीय सुपैया ने वर्ष २०१३ में १ किलो गांजे की तस्करी के लिए प्रोत्साहन दिया था ।
46 साल के तंगराजू सुपैया को 2013 में एक किलो से अधिक गांजे की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. फांसी दिए से एक दिन पहले राष्ट्रपति द्वारा क्षमादान की याचिकाओं को खारिज करने के बाद सुपैया को फांसी पर लटका दिया गया.https://t.co/5KJ1SbhGdE
— DW Hindi (@dw_hindi) April 26, 2023
१. सिंगापुर में नशीले पदार्थों के विरोध में अत्यंत कठोर नियम हैं । ‘जनता की रक्षा के लिए मृत्यु दंड देना, यह अत्यावश्यक है’, ऐसा वहां की सरकार का कहना है ।
२. सुपैया की फांसी के दंड के विरोध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार संगठन समेत अन्य भी अनेक मानवाधिकार संगठनों ने विरोध दर्शाया था । संयुक्त राष्ट्रों ने दावा किया था कि नशीले पदार्थों के प्रकरण में मृत्युदंड देना अंतर्राष्ट्रीय मापदंड के अनुरूप नहीं ।
३. सिंगापुर में पिछले वर्ष नशीले पदार्थों के प्रकरण में ११ लोगों को मृत्युदंड दिया गया था ।
संपादकीय भूमिकानशीले पदार्थों की तस्करी करने वालों को सीधे फांसी का दंड सुनाने वाले सिंगापुर से भारत *को बोध लेना चाहिए ! |