भक्ति हो वा ज्ञान, ईश्वर है अधिष्ठान

।। श्रीकृष्णाय नम: ।।

ईश्वरपर श्रद्धा और विश्वास रखकर भक्त अपनी आध्यात्मिक प्रगति का भार ईश्वरपर सौंपता है । ज्ञानी मनुष्य अपनी आत्मा ज्ञानमय चैतन्यरूप ईश्वरका ही अंश है यह जानकर आत्मबलसे आध्यात्मिक प्रगति करता है । दोनों ईश्वरके आधारपर ही प्रगति करते हैं ।

– अनंत आठवले. ९.०९.२०२२

।। श्रीकृष्णार्पणमस्तु ।।