भारत की छवि मलिन करने का प्रयत्न ! – भारत सरकार द्वारा आलोचना

जागतिक भूख निर्देशांक (वर्ल्ड हंगर इंडेक्स) में भारत को पाकिस्तान और श्रीलंका से नीचले स्तर पर दिखाने का प्रकरण !

नई देहली – जागतिक भूख निर्देशांक प्रतिवेदन (वर्ल्ड हंगर इंडेक्स रिपोर्ट) में भूख का योग्य आकलन नहीं किया गया है । केंद्र सरकार ने आलोचना की है कि प्रतिवेदन बनाने के लिए अयोग्य पद्धति अपनाई गई है । भारत ने यह भी कहा है कि ´भारत अपने नागरिकों को पर्याप्त और स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराने में असमर्थ है´,  यह प्रदर्शित करना देश की छवि मलिन करने का एक निंदनीय प्रयत्न है । महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय ने इस संबंध में एक वक्तव्य प्रकाशित कर कहा कि देश में भूख और कुपोषण को समाप्त करने के लिए अनेक सफल कदम उठाए गए हैं । जागतिक भूख निर्देशांक (वर्ल्ड हंगर इंडेक्स) में भारत का स्थान १०१ से फिसलकर १०७ पर आ गया है । यह भी प्रदर्शित किया गया है कि भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका के नीचे चला गया है । उस पर भारत ने यह प्रतिक्रिया व्यक्त की है ।

१. सरकार ने कहा कि प्रतिवेदन वास्तविक स्थिति युक्त नहीं है। भारत के खाद्य सुरक्षा प्रयासों, विशेष रूप से कोविड युग के समय की सज्ञानतापूर्वक अनदेखी की गई है । प्रतिवेदन के लिए उपयोग किए जाने वाले ४ में से ३ सूचकांक बाल स्वास्थ्य से संबंधित हैं और पूरी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकते ।

२. सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार ने प्रतिवेदन में सम्मिलित जनसंख्या पर भी प्रश्न उठाए हैं । कुपोषित जनसंख्या के चौथे व सबसे महत्वपूर्ण संकेतक निर्धारित करने के लिए केवल ३ हजार लोगों को ही सर्वेक्षण में सम्मिलित  किया गया था ।

संपादकीय भूमिका

अब तक अनेकों बार यह सिद्ध हो चुका है कि विभिन्न क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत से द्वेश करते हैं। अत: भारत सरकार को उन्हें उनका स्थान दिखा कर उनकी कुटिलता उजागर करने के प्रयत्न करने चाहिए !