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सोनभद्र (उत्तरप्रदेश) – भारत के सभी न्यायालयों में हाथ में तुला (तराजू) धारण करनेवाली तथा आखोंपर काली पट्टी बंधी हुई महिला की मूर्ति होती है। यह मूर्ति यूनानी समाजसेविका ‘डिकी’ की है । यह मूर्ति हटाकर उस स्थानपर हिंदू देवता भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित की जाए, ऐसी मांग उत्तरप्रदेश के संयुक्त अधिवक्ता महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष राकेश शरण मिश्र ने प्रधानमंत्री मोदीजी को लिखे एक पत्र द्वारा की है ।
इस पत्र की १-१ प्रत (कॉपी) राष्ट्रपति, ती, उपराष्ट्रपति, सरन्यायाधीश आदि को भेजी गई है। इस पत्र में मिश्र ने कहा है कि डिकी का भारतीय संस्कृती से कुछ लेना-देना नही है । यह मूर्ति केवल अंग्रेजों की गुलामी का प्रतीक है तथा उसे देखनेपर इस का निरंतर अनुभव कराती रहती है। भारतीय हिंदू धर्मानुसार तथा शास्त्रों में दी गई लिखित जानकारी के अनुसार भगवान चित्रगुप्त परम न्यायाधीश हैं । अत: डिकी की मूर्ति हटाकर उसके स्थान पर चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित की जाए ।
संपादकीय भूमिकाऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? सरकार स्वयं इसपर विचार कर भगवान चित्रगुप्त की मूर्ति स्थापित करें ! |