नई देहली – ‘युनेस्को’ ने (‘युनायटेड नेशनस् एजुकेशनल, सायंटिफिक अँड कलचरल ऑर्गनायझेशन’ ने) विश्वभर के पुरातन वास्तुओं की खोज कर वर्ष २०२२ की सूची प्रसिद्ध की है। इसमें भारत के केवल ४० वास्तुओं को सम्मिलित किया गया है। इसमें ३२ सांस्कृतिक, ७ नैसर्गिक तथा १ मिश्र स्वरूप का स्थान है। सर्वाधिक अर्थात् ५८ पुरातन वास्तु इटली के हैं, ऐसा बताया गया है। चीन में ५६, जर्मनी में ५१, फ्रान्स तथा स्पेन इन दो देशों में ४९ पुरातन वास्तुओं के होने की बात कही गई है। युनेस्को के वैश्विक समिति की ४४ वीं बैठक चीन में संपन्न हुई।
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हिंदू धर्म का इतिहास लाखों वर्ष प्राचीन है। इस इतिहास के जीवंत साक्षीदार ऐसे सहस्त्रों वास्तु भारत में आज भी अस्तित्व में हैं । परंतु दुर्भाग्य से आंतरराष्ट्रीय स्तरपर जानबूझकर भारत के इस वैभवशाली धरोहर को अनदेखा कर केवल दो से ढाई सहस्त्र वर्षों के इतिहास वाले पश्चिमी देशों में युनेस्को को सबसे अधिक पुरातन वास्तु दिख रही हैं।
संपादकीय भूमिकासहस्त्रों वर्षों की ऐतिहासिक परंपरा जतन करनेवाले भारत के केवल ४० वास्तुओं की सूची प्रसिद्ध करनेवाले युनेस्को को क्या पुरातन वास्तुओं की पहचान है? ऐसा प्रश्न उपस्थित होता है ! |