देहली के जहांगीरपुरी के अनधिकृत भवनों पर बडी कार्रवाई !

  • हनुमान जयंती के दिन शोभायात्रा पर आक्रमण का प्रकरण

  • सर्वाेच्च न्यायालय द्वारा कार्रवाई पर स्थगिति

देहली – यहां के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर मुसलमान बहुसंख्यक क्षेत्र की मस्जिद से पत्थरबाजी की गई । तदुपरांत हुए हिंसाचार में अनेक पुलिस कर्मचारी घायल हो गए थे । इस प्रकरण में अबतक २५ लोगों को बंदी बनाया गया है, जिसमें २ अल्पवयीन लडकों का भी समावेश है । देहली महानगरपालिका ने इस दंगाग्रस्त क्षेत्र के अनधिकृत भवनों पर कार्रवाई आरंभ की है । २ दिन यह कार्रवाई जारी रहनेवाली थी; परंतु इसके विरुद्ध ‘जमीयत-ए-हिन्द’ संगठन ने सर्वाेच्च न्यायालय में याचिका प्रविष्ट की, तदुपरांत न्यायालय द्वारा यह कार्रवाई स्थगित की गई है । उस पर २१ अप्रैल को न्यायालय में सुनवाई होगी । न्यायालय के आदेश के उपरांत भी यहां कार्रवाई जारी थी । तब पालिका आयुक्त ने कहा, ‘हमें न्यायालय के आदेश की प्रत अभीतक प्राप्त नहीं हुई है, तबतक कार्रवाई चालु ही रहेगी । उसके उपरांत उन्हें न्यायालय का आदेश मिलने पर कार्रवाई रोक दी गई ।

१. देहली के भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष आदेश गुप्ता ने दंगों के आरोपियों पर जहांगीरपुरी में अनेक अनधिकृत भवन निर्मित किए होनेका दावा कर उनपर कार्रवाई करने की मांग की थी । तदुपरांत पालिका ने अनधिकृत भवनों पर कार्रवाई करने की घोषणा की थी । (क्या इस प्रकरण में अनधिकृत भवन निर्मित होने तक पालिका सो रही थी ? फिर गुप्ता के कहने के पश्चात पालिका कैसे जाग गई ? पालिका के कार्यक्षेत्र में स्थित और ऐसे कितने स्थानों पर अनधिकृत भवनों का निर्माण हुआ है, जो पालिका नहीं जानती ? उसकी सूची भी अब जनता ने पालिका को देनी होगी ! – संपादक)

२. कांग्रेस के नेता राहुल गांधी, एवं एम.आय.एम. के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पालिका की इस कार्रवाई पर कडी आपत्ति जताई है । (अनधिकृत भवनों पर आपत्ति जतानेवाले संविधान एवं कानून का अनादर ही करते हैं । उन पर कानून-विरोधी भूमिका लेने के जुर्म में कार्रवाई होनी चाहिए ! – संपादक)

संपादकीय भूमिका

जनता को ऐसा ही लगता है, ‘‘देश के प्रत्येक अनधिकृत भवन पर कार्रवाई होनी चाहिए । इसके लिए प्रशासन, पुलिस और शासनकर्ता सदैव कार्यान्वित होने चाहिए !’’

अनधिकृत भवनों पर की गई कार्रवाई रोकने के लिए कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी का कृत्यशील प्रयत्न !

जमियत द्वारा न्यायालय में प्रविष्ट याचिका पर कांग्रेस के नेता और अधिवक्ता कपिल सिब्बल, तथा अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने युक्तिवाद किया । उन्होंने न्यायालय में ‘भवनों पर संविधान विरुद्ध एवं कानूनद्रोही कार्रवाई की जा रही है ’, ऐसा दावा किया । एवं इसमें दखलअंदाजी करने की मांग की । तब न्यायालय ने कार्रवाई स्थगित करने का आदेश दिया । इसके उपरांत भी ‘न्यायालय द्वारा लिखित आदेश प्राप्त न होने से कार्रवाई जारी रखते हैं’, ऐसा पालिका प्रशासन द्वारा कहने पर कम्युनिस्ट पार्टी की नेता श्रीमती. वृंदा करात ने सीधे पुलिस आयुक्त दीपेंद्र पाठक की भेंट लेकर उन्हें चलभाष द्वारा न्यायालय के आदेश की प्रत दिखाकर कार्रवाई रोकने को कहा । तथा दूसरी ओर अधिवक्ता दवे ने भी न्यायालय को सूचित किया की अभीतक कार्रवाई रुकी नहीं है । तदुपरांत न्यायालय ने उनके सरचिटणीस को तत्काल पालिका आयुक्त एवं नगरसेवक को आदेश के संदर्भ में जानकारी देने का आदेश दिया ।

संपादकीय भूमिका

क्या इन पार्टियों के नेताओं ने कभी देश के अनधिकृत भवन गिराने के लिए ऐसा प्रयास किया है ? यहां के अधिकांश अनधिकृत भवन धर्मांधों के होने से उन्होंने उसे रोकने का प्रयास किया, यह ध्यान में लें !