शतकों वर्षों से आरंभ रही तीर्थ यात्रा को पुनरुज्जीवित करने का किया जा रहा हैं प्रयत्न !
मन्दिरों के निर्माण के साथ, उनका रक्षण होने के लिए, जिहादी आतंकवादियों के विरुद्ध प्रभावी उपाय करना आवश्यक है । इसके लिए, केन्द्र सरकार को प्रयत्न करना चाहिए ; ऐसी हिन्दुओं की इच्छा है ! – संपादक |
श्रीनगर (जम्मू-कश्मीर) – शारदा पीठ, कश्मीरी हिन्दुओं के श्रद्धा का प्रतीक है । पाकव्याप्त कश्मीर में, प्राचीन शारदा माता का प्राचिन मन्दिर अभी मलबे में है । उसके सम्मुख, कश्मीर के भारत-पाक नियन्त्रण रेखा के समीप, टीटवाल (कुपवाडा) विभाग के किशनगंगा खाई के किनारे पर माता शारदा देवी के मन्दिर का निर्माण कार्य आरंभ हुआ है । ‘शारदा बचाव समिति’ की ओर से यह निर्माण कार्य हो रहा है । इस समिति के अधिकारियों ने इस सन्दर्भ में जानकारी दी । इस मन्दिर का निर्माण शतकों वर्षों से आरंभ, तीर्थ यात्रा को पुनरुज्जीवित करने हेतु किया जा रहा है । यह यात्रा इसके पूर्व पाकव्याप्त कश्मीर में स्थित शारदा पीठ में होती थी । जिस स्थान पर यह निर्माण कार्य हो रहा है, वहा पर शारदा पीठ को जानेवाले श्रद्धालु विश्राम करते थे ।
समिति के प्रमुख रविन्द्र पन्डिता ने स्पष्ट किया है, ‘शारदा मन्दिर जहां निर्मित हो रहा है, वहां पर पूजा की गई है । इसमें देश के विभिन्न भागों के कश्मीरी पन्डित भी सहभागी हुए थे । दिसम्बर २०२१ में, इस मन्दिर के योजना कि आधारशिला रखी गई थी । मन्दिर की संकल्पना तथा आकार को दक्षिण श्रृंगेरी मठ से अनुमति मिली है । मन्दिर में लगनेवाले ग्रेनाइट के पत्थर का शिल्पकार्य, कर्नाटक के बिदादी में आरम्भ हुआ है । हमने अनेक बार केन्द्र सरकार से अनुरोध किया है कि, पाकिस्तान सरकार से सम्पर्क कर शारदा पीठ महामार्ग (कॉरिडोर) बनाया जाए । यह मार्ग बनने पर उसका लाभ जम्मू-कश्मीर ही नहीं, अपितु पाकव्याप्त कश्मीर के लोगों को भी होगा । यहां बडी संख्या में श्रद्धालु तीर्थयात्रा करने आएंगे ।