जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका की ओर से रशिया पर प्रतिबंध

स्वतंत्र देश घोषित किए युक्रेन के २ प्रांतों में रशिया सेना भेजने की तैयारी में !

रशिया ने युक्रेन के २ प्रान्तों को ‘स्वतंत्र देश’ घोषित करने का साहस करने से पहले ‘इसके विरोध में विश्व समुदाय की ओर से कौन सी प्रतिक्रिया आने वाली है ?’, इसका विचार पहले ही किया गया होगा । इस कारण ऐसी प्रतिक्रियाओं को रशिया भीख नहीं डालेगा, यह भी उतना ही सत्य है । भारत शत्रु राष्ट्रों के विषय में इस प्रकार के दांवपेंच कब प्रयोग करेगा ? – संपादक

बर्लिन (जर्मनी) – रशिया ने युक्रेन के २ प्रांतों को ‘स्वतंत्र देश’ के रुप में मान्यता देने के बाद उनसे समझौता किया है । इस कारण अब रशिया वहां अपनी सेना तैनात करने वाला है । वहां शांति स्थापित करने के लिए यह कदम उठाए जाने का दावा रशिया ने किया है; लेकिन ‘रशिया शांति के नाम पर युद्ध के हेतु से कार्यवाही कर रहा है’, ऐसा आरोप अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों ने किया है । उसी प्रकार युरोप के देशों ने रशिया पर प्रतिबंध लगाना चालू किया है । जर्मनी ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम २‘ यह गैस पाईप लाइन परियोजना रद्द करने की घोषणा की । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडेन ने रशिया का निषेध कर इन प्रान्तों में निवेश, व्यापार और अन्य आर्थिक लेनदेन करने से मना करने का आदेश पारित किया ।

ब्रिटेन ने रशिया के ५ बैंकों पर और ३ उद्योगपतियों पर लगाया प्रतिबंध !

ब्रिटेन ने रशिया के ५ बैंकों और ३ उद्योगपतियों पर प्रतिबंध लगाया है । ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने यह घोषणा की । उद्योगपतियों की ब्रिटेन की संपत्ति जप्त करने सहित इनको ब्रिटेन आने पर भी प्रतिबंध लगाया है ।

भारत में चुनाव के बाद ईंधन दर बढने की संभावना 

रशिया और युक्रेन के बीच युद्ध होने की पृष्ठभूमि पर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत प्रति —– १०० डॉलर के पास पहुंची है । भारत के ५ राज्यों में विधानसभा चुनाव चालू होने से पेट्रोल और डीजल की कीमत स्थिर मानी जा रही है । इसलिए चुनाव समाप्त होते ही; अर्थात १० मार्च को देश में ईंधन दर बढने के संकेत हैं ।

‘नॉर्ड स्ट्रीम २‘ गैस पाईप लाईन परियोजना क्या है ?

‘नॉर्ड स्ट्रीम २‘ यह १ सहस्र २०० किलोमीटर लंबी गैस पाईप लाईन है । यह पश्चिम रशिया से बाल्टिक समुद्री मार्ग से जर्मनी पहुंचती है । रशिया जर्मनी को प्राकृतिक गैस उपलब्ध करता है । इस परियोजना के द्वारा यह उपलब्धता दुगनी करने का रशिया का विचार था । इस परियोजना में ८३ सहस्र करोड रुपए खर्च होकर यह सितंबर २०२१ में ही पूर्ण हो गया है; लेकिन जर्मनी की ऊर्जा नियामक संस्था ने कुछ बातों की अनुमती ना देने से इस गैस पाईप लाईन का उद्घाटन नही हुआ है । यह गैस पाईप लाईन परियोजना रद्द करने के कारण रशिया को, साथही जर्मनी को बडा आर्थिक नुकसान हाने वाला है । जर्मनी ने इस गैस पाईप लाईन पर प्रतिबंध लगाने पर रशिया अन्य युरोपीय देशों को प्राकृतिक गैस की उपलब्धा रोकेगा इसकी संभावना को भी नकारा नही जा सकता । इस कारण युरोपीय देशों पर गैस संकट आने की संभावना है ।