रशिया की ओर से युक्रेन के दो प्रांतों को ‘स्वतंत्र राष्ट्र’ के रुप में मान्यता !

  • विश्व में खलबली

  • तीसरे विश्वयुद्ध का पदचाप

रशिया-युक्रेन के बीच युद्ध की सम्भावना को देखते हुए भारत को अभी से पूर्ण तैयारी करनी चाहिए, ऐसा ही जनता को लगता है !- संपादक

मॉस्को – रशिया ने युक्रेन के डॉनेत्सक और लुहान्स्क इन २ प्रांतों को ‘राष्ट्र’ के रुप में मान्यता दी है । रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने जनता को संबोधित करते हुए यह घोषणा की । रशिया के इस चौंकाने वाले निर्णय के कारण रशिया-युक्रेन विवाद और अधिक जटिल होने से तीसरा विश्वयुद्ध होने के संकेत मिल रहे हैं । रशिया के इस निर्णय के कारण विश्वभर में खलबली मची है ।

‘स्वतंत्र राष्ट्र’ घोषित करने की अलगाववादी नेताओं की ओर से रशिया को विनती !

‘हमें स्वतंत्र देश के रुप में मान्यता दें और युक्रेन के सैनिक आक्रमण से रक्षा के लिए सैनिक सहायता करें’, ऐसी विनती अलगाववादी नेताओं ने रशिया के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन को की है । इस अनुसार डॉनेत्स्क और लुहान्स्क इन दो प्रांतों को ‘स्वतंत्र राष्ट्र’ के रुप में मान्यता देने वाले समझौते पर पुतिन ने हस्ताक्षर किए । रशिया ने इन दोनों प्रान्तों में सेना तैनात करना आरंभ किया है ।

यह निर्णय बहुत पहले ही होना चाहिए था ! – रशिया

व्लादिमार पुतिन

जनता को संबोधित करते हुए पुतिन ने कहा, ‘‘युक्रेन यह रशिया के इतिहास का अविभाज्य अंग है । पूर्व युक्रेन यह प्राचीन रशियन भूमि है । डॉनेत्स्क और लुहान्स्क के नागरिकों की स्वतंत्रता और सार्वभौमिकता के संबंध का यह निर्णय बहुत पहले ही लिया जान आवश्यक था । रशिया की जनता मेरे निर्णय का स्वागत करेगी ।’’

पश्चिमी देशों का हमें पूर्ण समर्थन ! – युक्रेन

पुतिन के निर्णय पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए युक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, ‘‘हमें कोई भी डर नहीं । पश्चिमी देशों का हमें पूर्ण समर्थन है ।

युरोपीय महासंघ, नाटो सहित अमेरिका की ओर से निषेध !

रशिया के इस निर्णय का युरोपीय महासंघ, नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन) सहित अमेरिका और अन्य देशों ने निषेध किया है । रशिया ने लिया निर्णय अंतर्राष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन होकर युक्रेन की सार्वभौमिकता और प्रादेशिक अखंडता पर आक्रमण होने का इन देशों ने कहा है । अमेरिका के राष्ट्रपति जो बायडन ने फ्रान्स और जर्मनी के राष्ट्रपतियों से चर्चा की है । इस चर्चा में रशिया को उत्तर देने के लिए एकमत होने का बताया जा रहा है । ब्रिटेन ने रशिया पर कठोर प्रतिबंध लगाने की मांग की है ।