पूर्व पोप बेनेडिक्ट ने यौन शोषण करनेवाले पादरियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही नहीं की ! – जर्मनी स्थित कानूनी प्राधिकरण का आरोप

  • पादरियों के द्वारा विगत कई दशकों से बालकों का यौन शोषण होने के आरोप लग रहे हैं तथा इस प्रकरण में पूर्व के पोप ने क्षमायाचना भी की है, साथ ही पीडितों को करोडों रुपए की हानिभरपाई भी दी जा चुकी है; परंतु तब भी ऐसी घटनाएं न रुकने के पीछे दोषी पादरियों पर कठोर कार्यवाही न की जाना ही मुख्य कारण है, यह स्पष्ट होता है ! – संपादक
  • विशेष नियमों के कारण पादरियों के विरुद्ध अपराध पंजीकृत न होने से उन्हें खूली छूट मिल रही है । इस विशेष नियम को हटाने के लिए अब लोगों को ही वैटिकन पर दबाव बनाकर दोषी पादरियों को कारागार में बंद करने का प्रयास करना चाहिए ! – संपादक
माजी पोप बेनेडिक्ट

बर्लिन (जर्मनी) – जर्मनी स्थित एक कानूनी प्राधिकरण ने पूर्व पोप बेनेडिक्ट पर यौन शोषण के ४ प्रकरणों में संबंधित दोषी पादरियों पर उचित कार्यवाही न करने का आरोप लगाया है । ये प्रकरण वर्ष १९७० से १९८० की अवधि के हैं । उस समय बेनेडिक्ट म्युनिच शहर के आर्चबिशप (शहर के मुख्य पादरी) थे । इस प्राधिकरण द्वारा प्रकाशित किए गए इन प्रकरणों के ब्योरे में बेनेडिक्ट का स्पष्टीकरण (जवाब) भी दिया गया है । उसमें उन्होंने स्वयं पर लगे हुए आरोपों का अस्वीकार कर ‘उसमें मेरी कोई चूक नहीं थी’, ऐसा कहा है ।

वर्ष १९७७ से १९८२ की अवधि में म्युनिच के आर्चबिशप होने के समय बेनेडिक्ट ने पीटर हुलर्मन नाम के एक पादरी का एसेन शहर से म्युनिच में स्थानांतरण किया था । ऐसेन में इस पादरी पर ११ वर्ष की एक लडकी के साथ अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगा था । पीटर पर आरोप होते हुए भी उसे दूसरे चर्च का दायित्व दिया गया था । वर्ष १९८६ में पीटर को छोटे बच्चों का यौन शोषण करने के प्रकरण में दोषी प्रमाणित कर कारावास का दंड भी दिया गया था । दोषी प्रमाणित होने के अगले कुछ वर्षाेंतक बेनेडिक्ट के कारण बच्चों के साथ काम कर रहा था और चर्च ने उसकी अनदेखी की थी, ऐसा बताया जा रहा है ।

वर्ष १९४६ से २०१६ की अवधि में पादरियों द्वारा ३ सहस्र ६७७ बच्चों का यौन शोषण !

वर्ष २०१८ में जर्मनी में संपन्न बिशपों के सम्मेलन में बताए गए एक अध्ययन के निष्कर्ष में ‘जर्मनी के १ सहस्र ६७० पादरियों द्वारा वर्ष १९४६ से २०१४ की अवधि में ३ सहस्र ६७७ अल्पायु बच्चों पर यौन अत्याचार किए गए । पीडितों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है, ऐसा बताया गया था । म्युनिच के वर्तमान आर्चबिशप कार्डिनल रेनहार्ड मार्क्स ने पिछले वर्ष पोप फ्रान्सिस के बच्चों के यौन शोषण की घटनाओं के संबंध में कार्यवाही करने में असफल सिद्ध होने की बात कहकर पदत्याग करने की मांग की थी, जिसे पोप ने ठुकरा दी थी ।