नई देहली – अमेरिका और अन्य कुछ पाश्चात्त्य देशों में आज के समय में कोरोना प्रतिबंधक टीके की दो मात्राएं दिए जाने के उपरांत बूस्टर डोस दिया जा रहा है; परंतु भारत में अभीतक बूस्टर डोस उपलब्ध नहीं कराए गए हैं । इस संदर्भ में देहली उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार से प्रश्न किया है कि ‘अभीतक भारत में बूस्टर डोस उपलब्ध क्यों नहीं कराया है ?, साथ ही न्यायालय ने भारत में यदि इस प्रकार के बूस्टर डोस आवश्यक हों, तो उन्हें कबतक दिया जा सकता है, इसका नियोजन भी प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं । न्यायालय ने इस संदर्भ में केंद्र को भारतीय चिकित्सकीय अनुसंधान परिषद को (आई.सी.एम्.आर्. को) प्रतिज्ञापत्र प्रस्तुत करने के लिए कहने का निर्देश दिया है ।
Why no #Covid19 booster shots, Delhi HC asks Centrehttps://t.co/hLhIjnMq7f
— India TV (@indiatvnews) November 26, 2021
इस पर न्यायालय ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि एक ओर एम्स चिकित्सालय के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का वक्तव्य है ‘बूस्टर डोस की आवश्यकता नहीं है’, तो दूसरी ओर पाश्चात्त्य देश बूस्टर डोस देकर उसका समर्थन भी कर रहे हैं । इसलिए हमें इस क्षेत्र के विशेषज्ञों की भूमिका जान लेनी चाहिए । हमें पुनः एक बार कोरोना की दूसरी लहर जैसी स्थिति ओढ नहीं लेनी है । हमने यदि समय रहते ही कदम नहीं उठाए, तो अबतक उठाए गए परिश्रम पर पानी फेरा जाएगा ।