बेंगालुरू (कर्नाटक) – प्रतिवादी राज्य सरकार के अधिकारियों को उत्तर देना होगा, कि सरकार ने कानून की किस धारा के अंतर्गत अनेकों मस्जिदों को ध्वनि प्रक्षेपक और सार्वजनिक ध्वनि प्रणाली का उपयोग करने की अनुमति दी है । कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है, कि वह ध्वनि प्रदूषण नियम २००० के अंतर्गत, ध्वनि प्रक्षेपक के उपयोग को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाई के संबंध में न्यायालय को जानकारी देने के लिए अधिकारियों को कहे ।
'Mosques Permitted To Use Loudspeakers Under Which Law?': Karnataka High Court Asks State @plumbermushi https://t.co/fE4vd6TgiC
— Live Law (@LiveLawIndia) November 16, 2021
इस प्रकरण में राकेश पी. और कुछ अन्य लोगों ने याचिका प्रविष्ट की थी । अधिवक्ता श्रीधर प्रभु ने उनका प्रतिनिधित्व किया । प्रभु ने न्यायालय में तर्क दिया, “नियमों की धारा ५(३) के अंतर्गत ध्वनि प्रक्षेपक और सार्वजनिक ध्वनि प्रणाली के उपयोग को स्थायी रूप से अनुमति नहीं दी जा सकती ।”