अन्य राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानूनों का अध्ययन कर, कर्नाटक में भी धर्मांतरण विरोधी कानून बनाएंगे !

  • कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई का कई स्वामियों एवं हिन्दू संगठनों के शिष्टमंडल को आश्वासन !

  • सनातन का कन्नड भाषा का ‘धर्मांतरण एवं धर्मांतरितों का शुद्धिकरण’ ग्रंथ, मुख्यमंत्री को भेंट किया गया !

कानून बनाने के उपरांत, उसका प्रभावशाली क्रियान्वयन करने का प्रयास होना चाहिए । देश के कई राज्यों में गोहत्या बंदी कानून होते हुए भी वहां गोहत्याएं हो रही हैं । ऐसा होना हिन्दुओं को अपेक्षित नहीं है !– संपादक

सनातन का कन्नड भाषा का ग्रंथ ‘धर्मांतरण एवं धर्मांतरितों का शुद्धिकरण’ देखते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई

बैंगलुरु (कर्नाटक) – कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने यह आश्वासन दिया है, कि अलग-अलग राज्यों के धर्मांतरण विरोधी कानून का अध्ययन कर, राज्य में तुरंत धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया जाएगा ।

मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए स्वामीजी और हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि

५० से भी अधिक स्वामियों और हिन्दू संगठनों के प्रमुखों ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से भेंट कर उन्हें ज्ञापन प्रस्तुत किया, उस समय मुख्यमंत्री बोम्मई ने यह आश्वासन दिया । इस अवसर पर श्री सिद्धलिंग स्वामीजी, श्री प्रणवानंद स्वामीजी, श्रीराम सेना के अध्यक्ष श्री. प्रमोद मुतालिक, श्री. संतोष गुरुजी, श्री. चंद्रशेखर, हिन्दू जनजागृति समिति के राज्य प्रवक्ता श्री. मोहन गौडा आदि मान्यवर उपस्थित थे ।

स्वामीजी और हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधियों के शिष्टमंडल से विचार-विमर्श करते हुए मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई

१. मुख्यमंत्री बोम्मई ने आगे कहा कि, ‘आज समाज में बडी संख्या में धोखाधडी, अत्याचार और लालच देकर धर्मांतरण किए जाने की घटनाएं सामने आ रही हैं । इसे रोकने हेतु न्यायालय का आधार लेना अच्छा रहेगा ।’

२. उससे पूर्व मुख्यमंत्री बोम्मई को ज्ञापन प्रस्तुत करते समय श्री. प्रमोद मुतालिक ने मुख्यमंत्री बोम्मई से यह मांग करते हुए कहा कि, ‘राज्य में बलपूर्वक, लालच देकर और धोखाधडी कर किए जा रहे धर्मांतरण की घटनाएं बढ रही हैं । चिकित्सालयों, विद्यालयों आदि के माध्यम से धर्मांतरण किया जा रहा है । इसमें पिछडे वर्ग का धर्मांतरण किया जा रहा है । अवैध चर्चों की संख्या बढ रही है । उस पर लगाम लगाने हेतु धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया जाना चाहिए । धर्मांतरितों को मिलनेवाली सरकारी सुविधाएं रद्द की जानी चाहिए ।’