सभी नहीं, केवल घातक पटाखों पर प्रतिबंध ! – सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्टीकरण

किसी विशेष समुदाय के विरुद्ध प्रतिबंध न होने का भी न्यायालय का स्पष्टीकरण !

नई देहली – “देश में पटाखों पर शत प्रतिशत प्रतिबंध नहीं है । यह केवल हानिकारक रसायनों से निर्मित पटाखों पर ही है । ‘हरे’ पटाखों पर प्रतिबंध नहीं है । हमारे आदेश का कठोरता से पालन किया जाना चाहिए”, ऐसा स्पष्टीकरण सर्वोच्च न्यायालय ने पटाखों से संबंधित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया ।

न्यायालय ने कहा है कि,

१. देश के जांच तंत्र कैसे हैं, यह सबको ज्ञात है । हमने केवल ‘हरे पटाखों’ (ग्रीन क्रैकर्स, अर्थात् अल्प प्रदूषण करने वाले पटाखे) का विक्रय करने की अनुमति दी थी ; परंतु, मंडियों में सर्व प्रकार के पटाखों का विक्रय हो रहा है ।

२. पटाखों से होने वाले प्रदूषण से प्रति वर्ष देहली की क्या स्थिति होती है, यह सभी को ज्ञात है । व्यापक जनहित में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । कुछ लोग यह धारणा बना रहे हैं, कि प्रतिबंध एक विशेष समुदाय के विरुद्ध है । हम स्पष्ट कर रहे हैं, कि ऐसा नहीं है । आनंद लेने के लिए किसी के जीवन के साथ खेला नहीं जा सकता । हम यहां मूलभूत अधिकारों की रक्षा के लिए हैं ।