जो समाज तथा नागरिकों के हित में नहीं है, वह प्रत्येक बात प्रतिबंधित करनी चाहिए । मद्य, तंबाकू एवं गुटखा के सेवन पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए !– संपादक
नई देहली – “मादक पदार्थ प्रत्येक के जीवन का एक अंश है एवं जीवन काल के अनेक प्रसंगों में मादक पदार्थ वेदनाएं न्यून करते हैं । मद्य, तंबाकू, गुटखा आदि भी हानि पहुंचाते हैं ; ऐसा होते हुए भी, इन मादक पदार्थों का कर भुगतान कर सेवन करने दिया जाता है, ऐसी स्थिति में अन्य मादक पदार्थों की अनुमति क्यों नहीं है ? अनेक प्रसंगों में औषधि के माध्यम से मादक पदार्थ लेने पडते हैं । ऐसे में, आवश्यकता होने पर मादक पदार्थों के सेवन की अनुमति क्यों न दी जाए ?”, ऐसी मांग कांग्रेस के राज्यसभा सांसद केटीएस् तुलसी ने की ।
'Allow drugs to be used with taxes': Congress Rajya Sabha MP & Sr SC Advocate KTS Tulsi https://t.co/1GPjS4h8xz
— Republic (@republic) October 27, 2021
अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान को मादक पदार्थों के प्रकरण में बंदी बनाया गया है । उसपर तुलसी बात कर रहे थे ।
तुलसी ने कहा कि, ‘नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, १९८५ (मादक पदार्थ एवं मन पर प्रभाव डालने वाले पदार्थ कानून, १९८५) में संशोधन की आवश्यकता है ; क्योंकि, इसका प्रयोग लोगों को कष्ट देने के लिए किया जाता है ।’
मादक पदार्थ विरोधी कानून क्या है ?
‘नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, १९८५’ के अनुसार, किसी भी व्यक्ति द्वारा मादक पदार्थों का उत्पादन अथवा खेती करने, क्रय करने, विक्रय करने, साथ ले जाने, परिवहन, उपभोग करने आदि कृत्यों पर प्रतिबंध लगाया है । ये कृत्य करते हुए पाए जाने पर, कानून में उसे कठोर दंड देने का प्रावधान है ।