कोरोना के आर्थिक संकट में भी महाराष्ट्र सरकार ने मुसलमानों को बांटे करोडों रुपए !

  • क्या हिन्दुओं को हिन्दू मंदिरों का सरकारीकरण तथा अल्पसंख्यकों पर हिन्दुओं से प्राप्त कर (टैक्स) के पैसे उडाना स्वीकार्य है ? – संपादक 
  • धर्मनिरपेक्ष भारत में सरकार द्वारा धर्म के आधार पर करोडों रुपयों का व्यय करना देशद्रोह नहीं, तो क्या है ? – संपादक 
  • ‘इस देश पर मुसलमानों का है पहला अधिकार’, ऐसा वक्तव्य करने वाले भूतपूर्व प्रधानमंत्री का कांग्रेस दल राज्य में सत्ता में रहते हुए इसके अतिरिक्त क्या होगा ? – संपादक 
  • स्वतंत्र भारत के ७४ वर्षों में बहुसंख्यक हिन्दू समुदाय को सदैव सौतेलेपन का दर्जा दिया गया है, यह इतिहास है । इसका व्यापक  हिन्दू हित साधने वाला ‘हिन्दू राष्ट्र’ ही एकमात्र समाधान है, यह बोध लें  ! – संपादक

मुंबई – जब राज्य कोरोना की स्थिति एवं प्राकृतिक आपदाओं के कारण आर्थिक संकट में है, ऐसे समय में  महाराष्ट्र सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय (मुसलमानों) को सुविधाएं प्रदान कराने के लिए करोडों रुपये व्यय किए जा रहे हैं । सरकार के अल्पसंख्यक विकास विभाग के एक सूचनापत्र के अनुसार, विगत कुछ महीनों में अल्पसंख्यक समुदाय के लिए पानी एवं बिजली के देयकों के लिए लाखों रुपए आबंटित किए गए हैं । विगत एक वर्ष से कोरोना के कारण सरकारी कार्यालय अल्प मानवीय संसाधनों के साथ चल रहे थे, साथ ही जब कार्यालयीन कामकाज घर से (‘वर्क फ्रॉम होम’) ही चल रहा हो, तब बिजली एवं पानी के देयकों के भुगतान के लिए सरकार से अल्पसंख्यक आयोग को दिए गए धन की राशि संदेहजनक है ।

हज समिति के लिए १ करोड ७४ लाख रुपए से अधिक का प्रावधान !

महाराष्ट्र सरकार ने सम्पूर्ण वर्ष के लिए ‘महाराष्ट्र राज्य हज समिति’ के लिए १ करोड ७४ लाख ७३ सहस्र रुपए आबंटित किए हैं । इसमें से ३० लाख ८९ सहस्र ५५० रुपए मार्च से जुलाई २०२१ तक के ५ माह की अवधि के लिए दिए गए । इसमें ६ लाख ६० सहस्र रुपए (१ लाख १२ सहस रुपये प्रति माह) कार्यालय के किराए के लिए, १ लाख रुपए (२० सहस्र रुपये प्रति माह) बिजली देयक के लिए तथा ५० सहस्र रुपए (१० सहस्र रुपए प्रति माह) कार्यालय व्यय के लिए सम्मिलित हैं ।

नागपुर के ‘हज हाउस’ को भी बांटे लाखों रुपये !

मार्च से जुलाई २०२१ तक नागपुर के ‘हज हाउस’ के रखरखाव एवं सुरक्षा के लिए ५ लाख १५ सहस्र रुपए तथा बिजली देयक के लिए २ लाख २५ सहस्र रुपए का प्रावधान किया गया है । नागपुर हज हाउस के लिफ्ट की मरम्मत सहित अन्य कार्यों के लिए १२ लाख ३९ सहस्र ५५० रुपए का प्रावधान किया गया है ।

नांदेड के उर्दू सदन (उर्दू साहित्य के विकास के लिए स्थापित केंद्र) के उद्घाटन पर ५ लाख ५३ सहस्र ८०० रुपए उडा दिए  !

नांदेड में नगर निगम की भूमि पर सरकार की ओर से ८ करोड १६ सहस्र रुपए की लागत से उर्दू सदन का निर्माण कराया गया है । आरोप हैं कि उर्दू सदन का कामकाज आरंभ होने के पूर्व ही वहां अनैतिक गतिविधियां आरंभ हो गए हैं । इसलिए उर्दू सदन विवादास्पद हो गया है । लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण एवं अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक की उपस्थिति में १४ जुलाई २०२१ को उर्दू सदन का उद्घाटन किया गया । उद्घाटन के कार्यक्रम पर ५ लाख ५३ सहस्र ८०० रुपए व्यय किए गए ।

अल्पसंख्यक आयोग के कार्यालय व्यय हेतु २ लाख १९ सहस्र रुपए का प्रावधान !

राज्य सरकार ने अल्पसंख्यक आयोग के वेतन के अतिरिक्त के व्यय के लिए ४३ लाख ८० रुपए की राशि स्वीकृत की है । इसमें से ६ लाख ५७ सहस्र  रुपए  की राशि जुलाई से सितंबर २०२१ की अवधि के लिए प्रदान की गई है ।

आहार के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के छात्रों के खातों में सीधे पैसा जमा कराने का सरकार का प्रावधान !

बारहवीं कक्षा के आगे की शिक्षा के लिए  छात्रावास में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के विद्यार्थी उनकी रुचि के अनुसार भोजन ले सकें, इसलिए ३ सहस्र ५०० रुपए  प्रति माह दिए जाएंगे । यह राशि सीधे छात्र के खाते में जमा की जाएगी । जनपद एवं तालुका स्तर के छात्रावासों में यह राशि ३ सहस्र रुपए होगी । (संसार के प्रत्येक देश में बहुसंख्यक समुदाय के हितों को प्राथमिकता दी जाती है; परंतु एकमात्र हिन्दू -बहुल देश होने वाले भारत में हिन्दुओं के पैसे से अल्पसंख्यक समुदाय का पालन पोषण किया जाता है, यह हिन्दुओं के लिए  दुर्भाग्यपूर्ण है ! – संपादक )