नाचने वाले बालक श्री गणेश की मूर्ति बनाने के लिए, मूर्तिकार को राष्ट्रीय पुरस्कार की घोषणा !
यह हिन्दुओं के लिए लज्जाजनक है, कि हिन्दुओं द्वारा हिन्दू देवताओं की मूर्तियों का इस प्रकार उपहास किया जा रहा है एवं सरकार द्वारा उसे पुरस्कार दिया जाता है ! कला के नाम पर अथवा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर, ऐसे देवताओं का मानवीकरण करना अनुचित है । हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा न होने के कारण ऐसी घटनाएं होती हैं । इसलिए, हिन्दुओं को धर्म की शिक्षा देने का कोई विकल्प नहीं है ! – संपादक
उक्त चित्र प्रकाशित करने का उद्देश्य किसी की धार्मिक भावनाएं आहत करना नहीं है । केवल जानकारी के लिए प्रकाशित किया गया है । – संपादक
पाटलिपुत्र (पटना, बिहार) – भगवान गणेश की विभिन्न रूपों में मूर्तियां बनाने वाले मूर्तिकार पिंटू प्रसाद ने इस वर्ष की गणेश चतुर्थी के निमित्त, क्रिकेट खेल रहे भगवान गणेश की मूर्ति बनाई है । क्रिकेटर की वेशभूषा में बनी मूर्ति में श्री गणपति को बल्लेबाजी करते हुए दिखाया गया है, तथा उनका वाहन मूषक को (चूहे) गेंदबाजी करते हुए दिखाया गया है । इससे पूर्व, प्रसाद ने नृत्य करने वाले बालक श्री गणेश की मूर्ति बनाई थी । इसके लिए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाने की घोषणा की गई है । पिंटू प्रसाद, उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान में ‘सिरेमिक’ कला पढाते हैं । उन्होंने इससे पूर्व मोबाइल फोन पर ‘सेल्फी’ ले रहे भगवान गणेश की मूर्ति भी बनाई थी ।
पिंटू प्रसाद ने बताया, कि वर्ष २०१५ में मैंने खाट पर आराम कर रहे गणेश जी की मूर्ति बनाई थी । मुझे इस मूर्ति के लिए राज्य पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था । उसके पश्चात, लोग मुझसे श्री गणेशमूर्ति बनाने की मांग करने लगे हैं । अब तक उन्होंने भगवान गणेश की १०० से अधिक मूर्तियां बनाई हैं । भगवान गणेश की मूर्तियों के कारण पिंटू प्रसाद को एक अलग परिचय प्राप्त हुआ है ।