राज्यसभा में विरोधी सदस्यों के हंगामे के कारण सभापति व्यंकय्या नायडू की आंखों में आंसू !

ऐसी घटनाएं रोकने हेतु सभापति नायडू को भावुक होने की अपेक्षा कठोर बनकर हंगामा करनेवाले सदस्यों को निलंबित कर उनसे सदन के व्यर्थ हो चुके समय का खर्चा वसूलना चाहिए ! – संपादक

नई देहली – १० अगस्त को राज्यसभा में विरोधी दलों के सदस्यों ने कृषि कानूनों का विरोध करते हुए बहुत हंगामा किया । कुछ सांसदों ने तो बेंच पर खडे होकर विरोध किया । इस हंगामे के कारण उपराष्ट्रपति तथा राज्यसभा के सभापति व्यंकय्या नायडू की आंखों में आंसू आ गए ।

इस संदर्भ में ११ अगस्त को सदन में बोलते हुए कहा कि सदन में जो भी कुछ हुआ, वह बहुत दुखद था । लोकतंत्र के लिए यह लज्जाप्रद घटना है । संसद के कुछ सदस्यों ने खाली स्थान में आकर, साथ ही बेंच पर खडे होकर पुस्तकें फेंकीं । यह सभी दृश्य देखकर मुझे रातभर नींद नहीं आई । ुकुछ सदस्यों ने तो सदन का अपवित्र चित्रीकरण किया और सामाजिक माध्यमों में उसके छायाचित्र प्रसारित किए, जो बहुत चिंता की बात है । सदन की प्रतिष्ठा किस प्रकार भंग होती है, यह उन्होंने जनता को दिखा दिया । स्वयं को आक्रामक सदस्य के रूप में प्रस्तुत करनेवाले कुछ सदस्यों में चल रही प्रतियोगिता का यह परिणाम है ।