पाक सरकार हिन्दू मंदिरों को जलाने वाले ३५० लोगों के विरुद्ध प्रविष्ट अपराध वापस लेगी!

सरकार का दावा- हिन्दुओं ने अभियुक्तों को क्षमा कर दिया !

  • इससे सिद्ध होता है कि पाकिस्तान द्वारा हिन्दू अल्पसंख्यकों पर किए अन्याय के विरोध में  की गई कार्रवाई केवल दिखावे के लिए है ! भारत को इसकी निंदा करनी चाहिए और पाकिस्तान को अपराधियों के विरुद्ध  कार्रवाई करने के लिए बाध्य करना चाहिए, तब ही वहां के हिन्दुओं को भारत का आधार प्रतीत होगा ।
  • इस्लामिक देश पाकिस्तान में  ऐसा ही होगा, यह आश्चर्य की बात नहीं है ! ध्यान दें, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन, भारत के धर्मनिरपेक्षतावादी और आधुनिकतावादी इस संबंध कुछ नहीं बोलेंगे !

पेशावर (पाकिस्तान) – पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की सरकार ने गत वर्ष  यहां एक हिन्दू मंदिर को जलाने के प्रकरण  में ३५०  आरोपियों के विरुद्ध प्रविष्ट अपराध  वापस लेने का निर्णय  लिया है। सरकार ने दावा किया है कि स्थानीय हिन्दुओं ने आरोपियों को क्षमा करने के कारण आरोपियों के अपराध पीछे लिए जा रहे हैं ।हिन्दुओं का कहना है कि सरकार के आश्वासन के पश्चात भी मंदिर पुनर्निर्माण में विलंब हो रहा है, इससे हिन्दुओं में बेचैनी है।

१. यहां मानवाधिकार कार्यकर्ता हारून सराब दियाल  ने कहा, “हम शांति के विरुद्ध नहीं हैं।” किन्तु अपराध  वापस लेने के लिए जिस प्रकार प्रयास गए वे अनुचित हैं ।इस प्रकरण में  पाकिस्तान हिन्दू काउन्सिल के अध्यक्ष डॉ. रमेश वांकवानी के अतिरिक्त  अन्य किसी हिन्दू को विश्वास में नहीं लिया गया।

२. टेरी कारक जिले में परमहंस की समाधि  और मंदिर की तोड़-फोड कर  आग लगा दी गई थी । इस प्रकरण में ३५० लोगों पर अपराध प्रविष्ट किया गया था तथा  ९२  पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया था।