‘निर्विचार’, ‘ॐ निर्विचार’ एवं ‘श्री निर्विचाराय नमः ।’ नामजप निर्गुण की ओर ले जानेवाले होते हुए भी वे भाव के स्तर के कैसे ?
साधक को निर्गुण स्थिति प्राप्त होने तक उसके मन में भाव होता ही है तथा मन को भाव का अभ्यास होता ही है । इसका लाभ लेकर यह नामजप भाव के स्तर पर करने से इस नामजप का फल अधिक मात्रा में मिलता है । इसके लिए महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की संगीत विभाग समन्वयक कु. तेजल पात्रीकर की वाणी में ध्वनिमुद्रित किए गए ‘निर्विचार’, ‘ॐ निर्विचार’ एवं ‘श्री निर्विचाराय नमः ।’ नामजप भाव के स्तर के हैं । – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘निर्विचार’, ‘ॐ निर्विचार’ एवं ‘श्री निर्विचाराय नमः’ नामजप आध्यात्मिक कष्ट से पीडित साधक क्यों न करें ?
‘निर्विचार’, ‘ॐ निर्विचार’ एवं ‘श्री निर्विचाराय नमः’ नामजप निर्गुण की ओर ले जाते हैं । आध्यात्मिक कष्ट से पीडित साधक यह नामजप करें, तो उन्हें अनिष्ट शक्तियों से विरोध हो सकता है । विरोध तीव्र स्वरूप का हुआ, तो कष्ट से पीडित साधक के कष्ट की तीव्रता बढ सकती है और उसके लिए संतों को नामजप करने के लिए समय देना पड सकता है । इसलिए कष्ट से पीडित साधक अपना कष्ट न्यून होने हेतु बताया गया नामजप ही करे ।
६० प्रतिशत अथवा उससे अधिक आध्यात्मिक स्तर के, आध्यात्मिक कष्ट से पीडित साधक यह नामजप उन्हें बताए गए जप के कुल समय में से २० प्रतिशत समय कर सकते हैं । – (परात्पर गुरु) डॉ. आठवले
‘क्यूआर् कोड’ (QR Code) का अर्थ क्या है ?
‘क्यूआर् कोड’ (QR Code अर्थात् Quick Response Code) ‘बारकोड’ समान ही एक सांकेतिक चिन्ह है । यह कोड किसी भी जालस्थल की लिंक अर्थात ‘वेबसाइट लिंक’ का बना सकते हैं । यह कोड एक बार एक लिंक के लिए बनाने पर वह उसी लिंग के लिए उपयोग में लाया जा सकता है । अर्थात प्रत्येक लिंग के लिए अलग एवं एकमात्र होता है । यह कोड अपने चल दूरभाष अर्थात मोबाइल द्वारा पढने के लिए चल दूरभाष के कैमरे का उपयोग करना पडता है । नए उपलब्ध होनेवाले चल-दूरभाष में इसकी सुविधा अंतर्भूत (बाई डिफॉल्ट) की गई है । जिस चल-दूरभाष में ऐसी सुविधा अंतर्भूत नहीं होती, उनके लिए ‘क्यू आर कोड स्कैनर’ नामक अनेक एप्लीकेशन ऑनलाइन उपलब्ध हैं । वे गूगल प्ले स्टोर द्वारा सहजता से डाउनलोड कर उनका उपयोग किया जा सकता है ।
टिप्पणी : ‘गूगल प्ले स्टोर’ पर उपलब्ध ‘एप्स’ में से bit.ly/2PaaflX लिंक पर ‘Kaspersky QR Code’एप का विचार प्रधानता से किया जा सकता है ।
‘निर्विचार’ नामजप सनातन संस्था के जालस्थल
एवं ‘सनातन चैतन्यवाणी एप’ पर उपलब्ध !
महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय के संगीत विभाग द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शन में कालानुसार नामजपों की निर्मिति !
‘कोई भी कृति कालानुसार करने से उसका अधिक लाभ होता है । ‘वर्तमान कालानुसार किस प्रकार का नामजप करना चाहिए ?’, इसका अध्यात्मशास्त्र की दृष्टि से अध्ययन कर विविध नामजप ध्वनिमुद्रित किए गए हैं । इसके लिए महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय की संगीत समन्वयक कु. तेजल पात्रीकर द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शनानुसार ‘निर्विचार’, ‘ॐ निर्विचार’ एवं ‘श्री निर्विचाराय नमः’ नामजप ध्वनिमुद्रित कर सभी के लिए उपलब्ध कराया गया है । ये नामजप सनातन संस्था के जालस्थल एवं ‘सनातन चैतन्यवाणी एप’, इन दोनों स्थानों पर उपलब्ध हैं ।
उपरोक्त ‘क्यूआर कोड स्कैन’ कर ‘सनातन चैतन्यवाणी एप’ डाउनलोड कर सकते हैं ।
- ये नामजप आगे दी लिंक पर उपलब्ध हैं –
https://www.sanatan.org/hindi/a/32835.html - ‘सनातन चैतन्यवाणी एप’ डाउनलोड कर नामजप सुनें :
https://www.sanatan.org/Chaitanyavani
यह नामजप सुनते समय आपको कोई वैशिष्ट्यपूर्ण अनुभूति हुई हो तो हमें [email protected] इस इमेल पते पर अवश्य सूचित करें ।
धर्माभिमानी हिन्दुओ, राष्ट्र एवं धर्म की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए देखें अंग्रेजी एवं हिन्दी जालस्थल (वेबसाइट) : www.HinduJagruti.org |