पत्नी और पुत्र के इस्लाम में जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध करने एवं रुकवाने के लिए सहायता मांगने पर एक ईसाई कार्यकर्ता को पार्टी से निष्कासित किया गया !

केरल की सत्ताधारी मा.क.पा. को कट्टरपंथियों से प्रेम !

  • मा.क.पा. को कट्टरपंथी, ईसाइयों से अधिक प्रिय हैं, यह ईसाइयों को कब समझ में आएगा ?
  • केरल में मा.क.पा. के सत्ता में होते हुए किसी नागरिक का जबरन धर्म परिवर्तन करने से रोकने के बजाय शिकायतकर्ता के विरोध में कार्रवाई करने का अर्थ है कि, मा.क.पा. धर्मांतरण का समर्थन करती है ! क्या तथाकथित धर्मनिरपेक्षतावादी इस बारे में मुंह खोलेंगे ?

तिरुवनंतपुरम (केरल) – राज्य में सत्तारूढ मा.क.पा. ने अपने ईसाई कार्यकर्ता पी.टी. गिल्बर्ट को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है । यह कदम तब उठाया गया, जब उन्होंने अपनी पत्नी और पुत्र के जबरन धर्म परिवर्तन का विरोध किया था । उन्होंने धर्म परिवर्तन के विरोध में शिकायत दर्ज करवाई थी ।

१. गिल्बर्ट ने आरोप लगाया, कि पंचायत की सदस्य नजीरा और कालीकट विश्वविद्यालय के कर्मचारी, उनके पति यूनुस, धर्मांतरण के पीछे थे । उन्होंने ही मेरी पत्नी और पुत्र का धर्म परिवर्तन कराया । इसमें कोट्टियादीन इस्माइल का भी हाथ है । वह यहां बेकरी चलाता है । मेरे पडोसी, लतीफ उपाख्य कुंजन, शाहुल हमीद, बुशरा और कुलसू भी सम्मिलित हैं । मेरी पत्नी इस्माइल की दुकान में काम करती थी ।

२. गिल्बर्ट ने कहा, “मैंने अपनी पार्टी से अपनी पत्नी और बेटे के जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए सहायता  मांगी थी, किंतु, इसके तुरंत बाद, पार्टी की मलप्पुरम जिला समिति ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और मुझे सूचित किया कि मुझे पार्टी से निकाल दिया गया है । मुझ पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया गया है ।”