संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द निकाल कर वहां ‘हिंदू राष्ट्र’ लिखें ! – प.पू. स्वामी आनंद स्वरुप महाराज

  • मांग न माने जाने पर सभी संत दिल्ली के रास्ते पर उतरेंगे !

  • शंकराचार्य परिषद की ओर से भारत को ‘हिंदू राष्ट्र’ घोषित करने के लिए महाअभियान प्रारंभ

  • देशभर के १ सहस्र संत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को निवेदन भेजेंगे !

प.पू. स्वामी आनंद स्वरूप महाराज

हरिद्वार (उत्तराखंड) – भारत अनंत काल से हिंदू राष्ट्र है और रहेगा; परंतु तथाकथित लोगों द्वारा इसे ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द जोड़कर बदलने का षडयंत्र रचा गया । इस संदर्भ में राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उसमें ‘भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्यायसंगत बदलाव करें और ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द हटाकर ‘हिंदू राष्ट्र’ शब्द लिखें’, ऐसी मांग हमने की है, ऐसी जानकारी शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष प.पू. स्वामी आनंद स्वरुप महाराज ने यहां पत्रकार परिषद में दी । इस मांग के लिए परिषद की ओर से हरिद्वार से देशव्यापी महाअभियान का आयोजन प्रारंभ किया गया । ‘इस अभियान के बाद भी यदि हिंदू राष्ट्र की मांग स्वीकार नहीं हुई, तो दिल्ली के रास्तों पर संतों को उतरने के लिए बाध्य होना पडेगा’, ऐसी चेतावनी भी प.पू. स्वामी आनंद स्वरुप महाराज जी ने इस समय दी । इस संदर्भ में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बंगाल आदि राज्यों में अनेक स्थानों पर पंचायत भी बुलाई गई थी, ऐसी जानकारी भी उन्होंने दी ।

प.पू. स्वामी आनंद स्वरुप महाराज जी ने आगे कहा कि, परिषद के अभियान में देशभर के साधु, संत, महंत, अखाडे, मठ, धर्मगुरू, साथ ही सभी शंकराचार्यों का हिंदू राष्ट्र के लिए समर्थन लिया जाएगा । १० सहस्र संत राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को निवेदन भेजेंगे । अखिल भारतीय अखाडा परिषद के समर्थन करने पर इस अभियान को और तेजी आएगी ।