कहां संस्कृत की आेर आकर्षित होनेवाले पश्चिमी कलाकार, तो कहां अंग्रेजी की गुलामी करनेवाले अधिकांश भारतीय कलाकार !
नई देहली – वर्तमान में विदेशों में संस्कृत के श्लोक अथवा शब्द शरीर पर गुदवाने का नया चलन प्रारंभ हो गया है । इसमें भी अनेक व्यक्ति अपने शरीर पर ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ शब्द टैटू स्वरूप गुदवाने की होड में लगे हुए दिखाई देते हैं । ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ शब्द का मूल अर्थ है ‘प्रवाह के साथ जाना’ । प्रसिद्ध अमेरिकी गायिका एवं संगीतकार कैटी पेरी ने भी अपनी बांह पर तथा हॉलीवुड अभिनेता रसेल ब्रांड ने भी अपने शरीर पर ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ शब्द का टैटू गुदवाया है ।
विदेशी नागरिकों में संस्कृत के इस आकर्षण को देखते हुए अब भारतीयों ने भी ‘अनुगच्छतु प्रवाह’ शब्द गुदवाना आरंभ किया है । इस शब्द के ‘टी-शर्ट’ भी बाजार में उपलब्ध हैं ।