नियमावली की कार्यवाही न करने पर परिणामों के लिए तैयार रहें !

केंद्र सरकार की ट्विटर को अंतिम चेतावनी !

केंद्र सरकार ने ‘ट्विटर’ के साथ ‘फेसबूक’ और अन्य विदेशी सामाजिक माध्यमों के मनमानी और जिद के विरोध में कृति कर उनको सूत के समान सीधा करना चाहिए, ऐसा हिंदुओं को और उनके संघठनों को लगता है !

नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने सामाजिक माध्यमों की कंपनियों के लिए एक नियमावली ३ माह पूर्व बनाई थी । उनका पालन करने के लिए सरकार ने इन माध्यमों को बताया था; लेकिन ट्विटर ने अभी तक उसका पालन नहीं किया । इस कारण केंद्र सरकार ने ट्विटर को अंतिम चेतावनी दी है । ‘यदि नियमावली की कार्यवाही नहीं हुई, तो परिणामों के लिए तैयार रहें’, ऐसी नोटिस केंद्र सरकार ने ट्विटर को भेजी है । बारबार बताने पर भी योग्य कार्यवाही न करने  के कारण ट्विटर को चेतावनी दी गई है ।

नोटिस में सरकार ने कहा है कि, नियमानुसार आपने आजतक भारत में ‘चीफ कम्प्लायन्स ऑफिसर’ की नियुक्ति नहीं की । आपके द्वारा नियुक्त किए गए स्थानीय शिकायत निवारण अधिकारी और ‘नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन’ यह ट्विटर के अधिकृत कर्मचारी नहीं हैं, ऐसा स्पष्ट हुआ है । प्राप्त जानकारी के अनुसार ट्विटर द्वारा दिए गए कार्यालय का पता भी एक विधि कंपनी का है । नई नियमावली लागू होने के एक सप्ताह बाद भी ट्विटर ने अभी भी उसे लागू करने का विरोध किया है । इस कारण ‘आई.टी.’ कानून की धारा ७९ के अंतर्गत ट्विटर को मिलने वाली सुरक्षा वापस ली जा सकती है । नियमावली का पालन न करके भारतीयों को सुरक्षित अनुभव देने के लिए ट्विटर की प्रतिबद्धता नहीं दिख रही है । लगभग एक दशक से भारत में कार्यरत होने पर भी भारतीयों को उचित ढंग से शिकायतों के निवारण करने जैसी व्यवस्था का ट्विटर द्वारा विरोध करना, यह अविश्वसनीय है । कानूनी रूप से बंधनकारक होने पर भी ट्विटर ऐसा नहीं करता है ।