परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी की देह तथा उनके उपयोग में अंतर्भूत वस्‍तुआें पर गुलाबी आभा आना

श्रीचित्‌शक्‍ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ

१. परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी के हाथ-पैर के अंदरूनी भाग तथा जीभ का गुलाबी होना, उनमें व्‍याप्‍त ईश्‍वर की सर्वव्‍यापक प्रीति के रंग का चमत्‍कार

‘परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी की त्‍वचा, नख एवं केश जिस प्रकार पीले हो रहे हैं, उसके साथ ही उनकी आंखों का अंदरूनी भाग, हाथ-पैर के अंदरूनी भाग, तथा जीभ और होंठ भी गुलाबी हो रहे हैं । यह परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी में व्‍याप्‍त ईश्‍वर की सर्वव्‍यापक प्रीति के रंग का आविष्‍कार है ।

२. उंगलियों की गांठों का अग्रभाग अधिक गुलाबी होना

परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी के हाथ की उंगलियों की गांठों के अग्रभाग अधिक गुलाबी दिखाई देते हैं; क्‍योंकि उंगलियों के अग्रभागों का कार्य में अधिक संवेदनशील होने से इन भागों से प्रीति का दर्शक गुलाबी रंग अधिक मात्रा में प्रक्षेपित होता दिखाई देता है ।

३. बात करते समय परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी के होंठ एवं जिह्वा का रंग अधिक गुलाबी होता हुआ प्रतीत होना

परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी जब बात करते हैं, तब उनके होेंठों का, उनके मुख के अंदर के भाग का, साथ ही जिह्वा का रंग अधिक गुलाबी होता हुआ दिखाई देता है । उनकी वाणी से समष्‍टि के कल्‍याण हेतु प्रक्षेपित होनेवाली प्रीतिदर्शक तरंगों के स्‍पर्श से, उनके मुख के भीतरी भाग में निहित गुलाबी रंग जागृत होने का ही यह लक्षण है ।’

– श्रीचित्‌शक्‍ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळ, सनातन आश्रम, रामनाथी, गोवा.

परात्‍पर गुरु डॉ. आठवलेजी में निहित प्रीति का दृश्‍य परिणाम !

परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी में निहित ईश्‍वर की सर्वव्‍यापक प्रीति के कारण गुलाबी हुई उनकी जिह्वा (वर्ष २०११)
परात्‍पर गुरु डॉक्‍टरजी की आंखों के अंदर का गुलाबी हुआ भाग (वर्ष २०११)
गुलाबी आभा प्राप्‍त उंगलियों की गांठों का अग्रभाग तथा चैतन्‍यमय पीले नख