संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना अवधि के दौरान चीनी मूल के लोगों पर आक्रमणों में वृद्धि !

आक्रमणों को रोकने के लिए राष्ट्रपति जो बायडेन का आदेश !

  • यह स्पष्ट करता है कि भारत के लोग संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में अधिक सहिष्णु हैं, इसलिए उन्होंने भारत में कोरोना या गल्वान संघर्ष होने के उपरांत भी कुछ नहीं किया ; यह ध्यान रहे !

  • अमेरिकी संस्थाएं और राजनीतिक संगठन, जो दावा करते रहते हैं कि ‘भारत में असहिष्णुता बढ गई है’, वे संयुक्त राज्य में होनेवाली ऐसी घटनाओं से आंख मूंद लेते हैं एवं हमेशा चुप रहते हैं !
कोरोना अवधि के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका में चीनी मूल के लोगों पर आक्रमणों में वृद्धि

न्यूयॉर्क (यू.एस.ए.) – कोरोना अवधि के बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका में चीनी मूल के लोगों पर आक्रमणों में वृद्धि हुई है । चीनी लोगों पर होने वाले आक्रमणों की वृद्धि पर ध्यान देते हुए व्हाइट हाउस ने एक कार्यकारी आदेश जारी किया है ।

व्हाइट हाउस की जनसंपर्क सचिव, जेन सैकी ने कहा कि, ‘राष्ट्रपति जो बायडेन ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि इस तरह के आक्रमण किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे ।’ महामारी के बारे में बात करते समय स्वास्थ्य विभाग को “विशेष” लोगों के बारे में बात नहीं करने के लिए कहा गया है ।

पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना फैलाने के लिए चीन को उत्तरदायी ठहराया था । विशेषज्ञों के अनुसार, इन आक्रमणों में वृद्धि के पीछे ट्रम्प का बयान है । इससे चीनी लोगों के लिए अमेरिकी लोगों में घृणा पैदा हुई और उन्हें निशाना बनाया गया । अकेले न्यूयॉर्क में, ऐसे अपराधों की संख्या बढकर २९ हो गई है । मार्च से दिसंबर २०२० तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना के कारण नस्लवादी अपराध के ३००० से अधिक प्रकरण सामने आए हैं । इन आक्रमणों के विरुद्ध एक मोर्चा भी निकाला गया था ।