१. ‘यह आश्रम अत्यंत सुंदर है ।
२. यह आश्रम अर्थात आध्यात्मिक चेतना का विस्तार है और सामान्य लोगों के लिए कल्याणकारी एवं अडचनों का निराकरण करनेवाला केंद्र है ।
३. यह आश्रम अर्थात समाजहितकारी स्थल है ।
४. ‘सूक्ष्म जगत’ से संबंधित प्रदर्शनी ज्ञान का भंडार है ।
५. समाजकल्याण हेतु भारत एवं अन्य देशों में इस आश्रम की महानता पहुंचाने का प्रयास करना चाहिए ।’
– श्री. नोनी गोपाल, स्टेट प्रेसिडेंट, हिन्दू सहायता समिति, बंगाल. (२८.५.२०१९)