हिन्दुओं को अपेक्षा है कि केंद्र की भाजपा सरकार मात्र भोपाल से ही नहीं, अपितु पूरे भारत में ऐसे नामों को परिवर्तित करे !
भोपाल (मध्य प्रदेश) – ऐसा कहा जाता है कि किसी स्थान को किसी व्यक्तिविशेष का नाम देने से उस स्थान एवं लोगों पर उसका प्रभाव पडता है । भोपाल के लालघाटी में रानी के बच्चों की हत्या की गई थी । हत्या के उपरांत घाट लाल हो गया था । इसीलिए इसे ‘लालघाटी’ नाम दिया गया । ‘खून से लथपथ घाट’, इस अर्थ से यह नाम रखा गया है । इसी तरह, ‘हलाली बांध’ के क्षेत्र में, मोहम्मद खान ने स्थानीय राजाओं को ‘हलाल’ कर मार डाला था । इसी कारण इस स्थान को ‘हलाली’ नाम मिला । ये नाम और उनसे संबंधित इतिहास बहुत ही अपवित्र है । ऐसे नाम लेने से अपवित्रता फैलती है तथा नकारात्मक प्रचार को बढावा मिलता है । भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ने यहां एक समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि के ऐसे मुस्लिम प्रशासकों के समय के रक्तरंजित इतिहास वाले सभी स्थानों के नामों को हम भोपाल से मिटाने जा रहे हैं । साध्वी प्रज्ञा सिंह ने यह भी मांग की है कि ‘हलालपुरा बस स्टैंड’ एवं ‘इस्लामनगर’ नाम बदलकर इन्हें क्रांतिकारियों के नाम दिए जाएं । (ऐसी मांग क्यों करनी पडती है ? सरकार अपने स्तर पर यह परिवर्तन क्यों नहीं करती ? – संपादक)
कुछ दिन पूर्व ही मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने ‘हलाली बांध’ का नाम बदलने की मांग की थी । इसके लिए उन्होंने बैरसिया के भाजपा विधायक विष्णु खत्री को पत्र भी लिखा था । उमा भारती ने पत्र में कहा है, ‘खत्री को राज्य की पर्यटन और संस्कृति मंत्री, उषा ठाकुर से चर्चा करनी चाहिए ।’ उमा भारती ने आगे कहा था कि यह स्थान एवं इसका नाम विश्वासघात का स्मरण कराता है । इसीलिए यह नाम परिवर्तित किया जाना चाहिए ।’